यूपीएससी परीक्षाओं में होगी चेहरा पहचानने की तकनीक
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) अब अपनी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों के सत्यापन के लिए चेहरा पहचानने की तकनीक का प्रयोग करेगा। एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस प्रणाली का परीक्षण किया गया, जिसमें अभ्यर्थियों का सत्यापन केवल 8 से 10 सेकेंड में संभव हुआ।
इस प्रणाली के तहत 1,129 अभ्यर्थियों14 सितंबर 2025
पायलट प्रोजेक्ट का उद्देश्य
यूपीएससी के अध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि परीक्षा प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। चेहरा पहचान प्रणाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित है।
यह पायलट प्रोजेक्ट गुरुग्राम के चयनित परीक्षा केंद्रों पर लागू किया गया, जहां अभ्यर्थियों के चेहरों का मिलान उनके पंजीकरण फॉर्म की तस्वीरों से किया गया।
यह पहल राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD) के सहयोग से की जा रही है और इसके लिए स्टाफ को प्रशिक्षण और वाई-फाई जैसी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।
मुख्य विशेषताएँ:
- प्रत्येक अभ्यर्थी का सत्यापन 8–10 सेकेंड में
- पायलट परियोजना NDA और CDS 2025 परीक्षा में लागू
- 1,129 अभ्यर्थियों के चेहरों का सफल डिजिटल मिलान
- ई-गवर्नेंस डिवीजन के सहयोग से तकनीकी पहल
- सभी यूपीएससी परीक्षाओं में तकनीक लागू करने की योजना