फिच रेटिंग्स ने भारत के विकास अनुमान को संशोधित किया


फिच रेटिंग्स ने भारत के विकास अनुमान को संशोधित किया

फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) ने वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) के लिए भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ने 19 मार्च को ग्लोबल इकोनॉमी आउटलुक रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2027 के लिए ग्रोथ अनुमान को 10 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 6.3 फीसदी कर दिया है।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि हालांकि अमेरिका की ज्यादा आक्रामक ट्रेड पॉलिसी इसके पूर्वानुमान के लिए “एक बड़ा जोखिम” है, लेकिन बाहरी डिमांड पर कम निर्भरता को देखते हुए भारत कुछ हद तक अप्रभावित है।

ग्लोबल इकोनॉमी आउटलुक रिपोर्ट में कहा गया है कि बजट में टैक्स फ्री इनकम अलाउंसेस में बढ़ोतरी और रिवाइज्ड टैक्स स्लैब, पोस्ट टैक्स इनकम में इजाफा करेंगे। इससे कंज्यूमर स्पेंडिंग को बूस्ट मिलेगा। हालांकि यह साल के मुकाबले रफ्तार धीमी रह सकती है।

फिच रेटिंग्स ने आकलन किया है कि बजट मोटे तौर पर ग्रोथ के लिए न्यूट्रल होगा। अगले दो फाइनैंशियल वर्षों में कैपेक्स में तेजी आने की उम्मीद है।

फिच का कहना है, “कारोबारी भरोसा हाई बना हुआ है और लेंडिंग सर्वे प्राइवेट सेक्टर को बैंक लेडिंग में लगातार डबल डिजिट ग्रोथ की ओर इशारा करता है। ये फैक्टर्स, कैपिटल कॉस्ट में कमी के साथ मिलकर FY26 और FY27 के लिए कैपेक्स में तेजी का अनुमान जता रहे हैं।”

इकनॉमिक सर्वे ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.3-6.8 फीसदी रखा है। आधिकारिक अनुमानों के मुताबिक, मौजूदा फाइनैंशियल वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 6.5 फीसदी रहेगी। देश की रीयल जीडीपी ग्रोथ जुलाई-सितंबर 2024 तिमाही में 5.4 फीसदी तक धीमी हो गई, जो अगली तिमाही में 6.2 फीसदी पर पहुंच गई।

फिच रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के महीनों में उपभोक्ताओं के भरोसे में कमी आई है, और वाहनों की बिक्री में काफी गिरावट आई है। इसमें कहा गया है कि कम महंगाई रीयल आय को बढ़ावा देगी, और श्रम बाजार संकेतक, आधिकारिक डेटा और पीएमआई सर्वेक्षण डेटा दोनों से, स्थिर रोजगार ग्रोथ और बढ़ी हुई भागीदारी की ओर इशारा करते हैं।

पॉलिसी रेट में दो और कटौती की उम्मीद

रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि इस कैलेंडर वर्ष में पॉलिसी रेट में दो और कटौती होगी, जिसे दिसंबर 2025 तक रिवाइज्ड कर 5.75 फीसदी कर दिया जाएगा। आरबीआई ने फरवरी की शुरुआत में रीपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर 6.25 फीसदी किया था। रिपोर्ट में कहा गया है, “आने वाले महीनों में खाद्य पदार्थों की कीमतों की गतिशीलता से हेडलाइन महंगाई दर में धीरे-धीरे गिरावट आएगी और 2025 के अंत तक यह 4 फीसदी तक आ जाएगी और फिर हमें दिसंबर 2026 तक महंगाई में मामूली ग्रोथ होकर 4.3 फीसदी होने की उम्मीद है।” पिछले हफ्ते, मूडीज रेटिंग्स ने अगले फाइनैंशियल वर्ष के लिए भारत के इकनॉमिक विकास के अनुमान को बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया, जो इस साल 6.3 फीसदी थी।




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