एक दशक में दोगुना हुआ योग का वैश्विक बाजार
योग दिवस: स्वास्थ्य, रोजगार, पर्यटन और संस्कृति को मिला नया मार्ग
वर्ष 2015 में शुरू हुई योग क्रांति अब वैश्विक स्तर पर पहुंच चुकी है। अमेरिका, लैटिन अमेरिका और एशियाई देशों में योग का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के पदाधिकारी ललित ठुकराल के अनुसार, पिछले तीन-चार वर्षों में योग के प्रचार से मॉर्निंग वॉक और स्पोर्ट्स वियर के निर्यात में 15% तक की वृद्धि हुई है।
2027 तक 66 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है कारोबार
एक्सपर्ट मार्केट रिसर्च के अनुसार, 2019 में योग से जुड़ा वैश्विक कारोबार 37.4 अरब डॉलर था, जो 2027 तक 66 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। अनुमान है कि 2021 से 2027 तक इस क्षेत्र में 9.6% की वार्षिक वृद्धि होगी।
योग स्टूडियो से आय अर्जित कर रहे शिक्षक
अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में योग को तेजी से अपनाया गया है, जिससे योग सेवा और उत्पादों जैसे योग मैट और अपैरल की मांग भी बढ़ी है। कई योग शिक्षक अब अपने स्वयं के स्टूडियो बनाकर कमाई कर रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के साथ योग शिक्षक वीजा समझौता
पिछले वर्ष दिसंबर में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एफटीए (मुक्त व्यापार समझौते) के तहत योग शिक्षकों को वीजा देने पर समझौता हुआ। इससे भारतीय योग शिक्षकों की वैश्विक मांग और बढ़ेगी।
स्पोर्ट्स वियर के निर्यात में 15% वृद्धि
अमेरिका, लैटिन अमेरिका और एशिया में योग के बढ़ते प्रभाव के कारण स्पोर्ट्स वियर और मॉर्निंग वॉक अपैरल के निर्यात में 15% तक की वृद्धि देखी गई है।
योग अपैरल और योग मैट उद्योग में तेजी
एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, योग अपैरल का वैश्विक बाजार 2028 तक 39 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। योग मैट निर्माता ग्रेवोलाइट इंडिया के निदेशक अरविंद महेश्वरी के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में उनके कारोबार में दोगुनी से अधिक वृद्धि हुई है। जून के पहले-दूसरे सप्ताह में बिक्री सबसे अधिक होती है।