महाराष्ट्र में तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाई जाएगी हिंदी
महाराष्ट्र सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा है कि राज्य के मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों को तीसरी भाषा के रूप में हिंदी पढ़ाई जाएगी। यह नई नीति शैक्षिक वर्ष 2025-26 से लागू होगी।
17 जून को जारी संशोधित सरकारी आदेश में कहा गया कि हिंदी अनिवार्य होने के बजाय "सामान्य रूप से" तीसरी भाषा होगी। हालांकि, अगर किसी स्कूल में प्रति कक्षा 20 छात्र हिंदी के अलावा किसी अन्य भारतीय भाषा का अध्ययन करना चाहते हैं, तो उन्हें वह विकल्प भी दिया जाएगा। स्कूल शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने 18 जून को सरकार के इस फैसले का बचाव करते हुए कहा कि सार्वजनिक जीवन में हिंदी काफी बोली जाती है और इसे सीखने से छात्रों को फायदा होगा, खासकर 12वीं कक्षा के बाद उच्च शिक्षा में।
विरोध और विवाद
मराठी संगठनों, कांग्रेस और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने सरकार की इस नीति का विरोध किया और आरोप लगाया कि सरकार पहले इसे वापस ले रही थी, फिर "पिछले दरवाजे" से इसे पुनः लागू कर रही है। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठी लोगों की छाती में "छुरा घोंपने" का आरोप लगाया।
राज ठाकरे का विरोध
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि राज्य में हिंदी को थोपने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इस मुद्दे पर कांग्रेस और मनसे की आलोचना के बाद मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्पष्ट किया कि छात्रों के लिए हिंदी सीखने की "अनिवार्यता" हटा दी गई है और अब कोई भी भारतीय भाषा तीसरी भाषा के रूप में चुनी जा सकती है।
फडणवीस ने पूरे विवाद को अनावश्यक बताया। यह महत्वपूर्ण है कि महाराष्ट्र स्कूल शिक्षा विभाग ने 17 जून को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप 'स्कूल शिक्षा के लिए राज्य पाठ्यचर्या रूपरेखा 2024' के कार्यान्वयन के तहत सरकारी संकल्प जारी किया। इसके अनुसार, मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों के लिए हिंदी "सामान्य रूप से" तीसरी भाषा होगी।
मराठी सभी माध्यम के स्कूलों में अनिवार्य
आदेश में यह भी कहा गया कि मराठी सभी माध्यम के स्कूलों में अनिवार्य भाषा होगी। इसके अलावा, अगर छात्र हिंदी के बजाय कोई अन्य भाषा सीखना चाहते हैं, तो उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि कक्षा में कम से कम 20 छात्र उस भाषा को सीखना चाहते हैं। ऐसी स्थिति में, उस विशेष भाषा के लिए एक शिक्षक उपलब्ध कराया जाएगा या उस भाषा को ऑनलाइन पढ़ाया जाएगा।