वैश्विक एजेंसियों द्वारा भारत की जीडीपी वृद्धि अनुमान
23 सितंबर को वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि का अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 6.9% कर दिया। फिच ने कहा कि यह वृद्धि घरेलू मांग और वास्तविक आय बढ़ने से उपभोक्ता खर्च में बढ़ोतरी के कारण होगी। साथ ही, नरम वित्तीय शर्तें निवेश को बढ़ावा देंगी। फिच ने वित्त वर्ष 2027 और 2028 में क्रमशः 6.3% और 6.2% की वृद्धि दर की भविष्यवाणी की है।
फिच ने 2025 में वैश्विक GDP में गिरावट का अनुमान लगाया है। चीन की GDP वृद्धि दर को 4.2% से बढ़ाकर 4.7%, यूरोजोन की वृद्धि को 0.8% से 1.1% और अमेरिका की वृद्धि दर को 1.5% से 1.6% किया गया है। वैश्विक वृद्धि दर 2026 के लिए 2.3% अनुमानित है।
फिच का मानना है कि भारत-अमेरिका के व्यापार विवाद बातचीत से सुलझ जाएंगे, लेकिन अनिश्चितता के कारण निवेश प्रभावित हो सकता है। 22 सितंबर से लागू नई GST दरों से उपभोक्ता खर्च में मामूली वृद्धि होगी। फिच ने मुद्रास्फीति को 2025 के अंत तक 3.2% और 2026 के अंत तक 4.1% अनुमानित किया है। भारतीय रिजर्व बैंक की नीतिगत दरों में 25 आधार अंकों की कटौती संभव है।



