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भारत ने पाकिस्तान को जून में मिलने वाले 20 बिलियन डॉलर के लोन पैकेज का विरोध किया है। यह पैकेज पाकिस्तान कंट्री पार्टनरशिप फ्रेमवर्क 2025-35 का हिस्सा है। भारत इस मुद्दे को वर्ल्ड बैंक की आगामी मीटिंग में उठाएगा।
इस प्रोग्राम का उद्देश्य सामाजिक सूचकों में सुधार, कुपोषण, शिक्षा में कमी, जलवायु सहनशीलता और निजी निवेश को बढ़ावा देना है।
FATF ग्रे लिस्ट में फिर डालने की मांग
भारत पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में दोबारा डालने की भी मांग करेगा। 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला गया था और 2022 में हटाया गया। भारत का कहना है कि पाकिस्तान ने अभी भी मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद फंडिंग पर सख्त कदम नहीं उठाए हैं।
IMF बेलआउट का भी विरोध
भारत ने IMF द्वारा 9 मई2.4 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज का भी विरोध किया। IMF ने आगे की किस्त जारी करने के लिए पाकिस्तान के सामने 11 नई शर्तें रखी हैं, जैसे कि बजट अप्रूवल, बिजली बिल पर सरचार्ज, और पुरानी कारों पर प्रतिबंध हटाना।
भारत का वैश्विक कूटनीतिक प्रयास
भारत ने इस मुद्दे पर IMF की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से संपर्क किया और बताया कि पाकिस्तान को बार-बार मिलने वाली फंडिंग का उपयोग आर्थिक सुधार के बजाय हथियार खरीदने और आतंकवाद को बढ़ावा देने में किया गया है।
इसके अलावा भारत ने जर्मनी, इटली और फ्रांस के विदेश मंत्रियों के साथ भी यह मुद्दा उठाया है। भारतीय दूतावास IMF के सभी समकक्षों से संपर्क कर रहा है ताकि इस मुद्दे पर समर्थन जुटाया जा सके।