भारत-पाकिस्तान के बीच आज से होगी रिट्रीट सेरेमनी: BSF और पाक रेंजर्स नहीं मिलाएंगे हाथ; सरहदों के बीच बंद रहेंगे गेट
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के चलते 7 मई से स्थगित की गई 'बीटिंग रिट्रीट' सेरेमनी को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) एक बार फिर आज, 20 मई से शुरू करने जा रही है। यह समारोह अटारी-वाघा, हुसैनीवाला (फिरोजपुर) और सदकी बॉर्डर (फाजिल्का) पर होता है और दोनों देशों के बीच सैन्य परंपरा का प्रतीक बन चुका है।
बीएसएफ सूत्रों के अनुसार, समारोह बहाल किया जा रहा है लेकिन बिना हाथ मिलाए और बिना गेट खोले। यानी भारत और पाकिस्तान के सुरक्षाबल इस बार एक-दूसरे से हैंडशेक नहीं करेंगे और सीमावर्ती गेट भी बंद ही रहेंगे।
परेड की सैन्य गतिविधियाँ यथावत रहेंगी, लेकिन सीमापार समन्वय सीमित रहेगा। दोनों देशों के जवान बंद गेटों के आर-पार खड़े होकर अपने-अपने झंडे को उतारने की औपचारिकता निभाएंगे।
यह कार्यक्रम 7 मई को कूटनीतिक और सुरक्षा कारणों से स्थगित कर दिया गया था। इससे पहले, 23 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद 24 अप्रैल से भारत ने गेट खोलने और हाथ मिलाने की परंपरा बंद कर दी थी।
बीटिंग रिट्रीट क्या है?
'बीटिंग रिट्रीट' एक प्रतीकात्मक सैन्य परेड है, जो हर शाम भारत और पाकिस्तान की सेनाएं अपनी-अपनी सीमा चौकियों पर करती हैं। इसमें झंडा उतारने की रस्म, प्रशिक्षित जवानों की मार्चिंग और भीड़ के सामने शौर्य प्रदर्शन शामिल होता है। अटारी-वाघा इसका सबसे प्रसिद्ध स्थल है।
सुरक्षा के लिहाज से सतर्कता जारी
हालांकि समारोह फिर शुरू हो रहा है, लेकिन बीएसएफ और खुफिया एजेंसियां सीमा पर ज्यादा सतर्कता बरत रही हैं। निगरानी पहले से कड़ी की गई है और स्थानीय प्रशासन को भी अलर्ट पर रखा गया है।
अभी तक हुए बदलाव
23 अप्रैल के आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद सेना ने सरहद पर मोर्चा संभाल लिया था। 10 मई को हुए सीजफायर के बाद अब हालात सामान्य हो रहे हैं।
हाल ही में भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे की हिरासत में रहे BSF और पाक रेंजर्स का आदान-प्रदान किया। अफगान ट्रकों के लिए अटारी बॉर्डर खोला गया और किसानों को कंटीली तारों के पार जाकर खेती की अनुमति दी गई है।
इन सबके बीच अब कड़ी निगरानी के साथ रिट्रीट सेरेमनी को दोबारा शुरू किया गया है।