वित्त वर्ष 2024-25 में 69 लाख करोड़ रुपए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया
भारत को वित्त वर्ष 2024-25 में मिला विदेशी निवेश एक बार फिर अमेरिका और सिंगापुर के भरोसे टिका रहा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान भारत को मिले कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में इन दो देशों की हिस्सेदारी एक-तिहाई से भी ज्यादा रही। वहीं मॉरीशस, ब्रिटेन और नीदरलैंड जैसे देश भी शीर्ष निवेशकों में शामिल रहे।
30 अक्टूबर 2025 को आरबीआई ने ‘सर्वे ऑफ फॉरेन लायबिलिटी एंड एसेट’ 2024-25 के अस्थायी नतीजे जारी किए। इस सर्वे में 45,702 भारतीय कंपनियों ने भाग लिया, जिनमें से 41,517 कंपनियों के खातों में या तो एफडीआई दर्ज था या उन्होंने विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (ODI) किया था।
कुल एफडीआई 68.75 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा
रिपोर्ट बताती है कि भारत में कुल एफडीआई 68.75 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इसमें अमेरिका की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत और सिंगापुर की हिस्सेदारी 14.3 प्रतिशत रही। इनके बाद मॉरीशस (13.3%), ब्रिटेन (11.2%) और नीदरलैंड (9%) प्रमुख निवेशक देशों में शामिल रहे। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत में आया कुल एफडीआई 61.88 लाख करोड़ रुपये था, यानी इस बार निवेश में अच्छी बढ़ोतरी हुई है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर रहा निवेशकों की पहली पसंद
आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में आने वाले कुल विदेशी निवेश का सबसे बड़ा हिस्सा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गया। यह कुल एफडीआई इक्विटी का 48.4 प्रतिशत (बाजार मूल्य पर) रहा। वहीं सेवा क्षेत्र दूसरे स्थान पर रहा, जिससे यह स्पष्ट होता है कि निवेशक भारत के औद्योगिक विस्तार और उत्पादन क्षमता पर भरोसा जता रहे हैं।
भारतीय कंपनियों ने भी बढ़ाया विदेशी निवेश
आरबीआई के अनुसार, विदेशों में भारतीय कंपनियों का निवेश (ODI) भी बढ़ा है। इसका कुल मूल्य 11.66 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इसमें सिंगापुर की हिस्सेदारी 22.2 प्रतिशत, अमेरिका की 15.4 प्रतिशत और ब्रिटेन की 12.8 प्रतिशत रही। बाजार मूल्य के आधार पर यह निवेश पिछले वर्ष की तुलना में 17.9 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि एफडीआई में 11.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।