भारत को 81 अरब डॉलर का एफडीआई प्राप्त; सिंगापुर लगातार 7वें वर्ष शीर्ष निवेशक
31 मई 2025 तक भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। वित्तीय वर्ष 2024–25 में कुल एफडीआई लगभग 81.04 अरब डॉलर14% अधिक है और यह पिछले तीन वर्षों में सबसे अधिक है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, केवल इक्विटी एफडीआई 50 अरब डॉलर रहा, जो 2023–24 की तुलना में 13% की वृद्धि को दर्शाता है। यदि पुनर्निवेशित आय और अन्य पूंजी को जोड़ें, तो कुल एफडीआई 81.04 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
सिंगापुर: सातवें वर्ष भी शीर्ष निवेशक
सिंगापुर ने लगातार सातवें वर्ष भारत में सबसे बड़ा एफडीआई स्रोत बनने का गौरव हासिल किया। वर्ष 2024–25 में भारत को सिंगापुर से 14.94 अरब डॉलर का एफडीआई प्राप्त हुआ, जो 2023–24 के 11.77 अरब डॉलर से अधिक है। सिंगापुर का कुल एफडीआई में लगभग 19% योगदान रहा।
साल 2018–19 से सिंगापुर भारत का सबसे बड़ा निवेशक देश बना हुआ है। इससे पहले 2017–18 में मॉरीशस शीर्ष स्थान पर था।
2024–25 में अन्य प्रमुख निवेशक देश
- मॉरीशस: 8.34 अरब डॉलर
- संयुक्त राज्य अमेरिका (USA): 5.45 अरब डॉलर
- नीदरलैंड: 4.62 अरब डॉलर
- संयुक्त अरब अमीरात (UAE): 3.12 अरब डॉलर
- जापान: 2.47 अरब डॉलर
- साइप्रस: 1.2 अरब डॉलर
- यूनाइटेड किंगडम (UK): 795 मिलियन डॉलर
- जर्मनी: 469 मिलियन डॉलर
- केमैन आइलैंड्स: 371 मिलियन डॉलर
इस मजबूत एफडीआई प्रवाह से यह स्पष्ट होता है कि वैश्विक निवेशकों का भारत की अर्थव्यवस्था में विश्वास बढ़ रहा है। यह सरकार की निवेश-अनुकूल नीतियों का प्रतिफल है।