इजरायल के साथ मुक्त व्यापार समझौता करेगा भारत
एफटीए बातचीत की शुरुआत
21 नवंबर को इजराइल के अर्थव्यवस्था एवं उद्योग मंत्री नीर बरकत ने कहा कि भारत और इजराइल के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) दोनों देशों के उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण अवसर खोलेगा और द्विपक्षीय व्यापार तथा निवेश प्रवाह को बढ़ावा देगा।
दोनों देशों ने 20 नवंबर को संदर्भ शर्तों (टीओआर) पर हस्ताक्षर कर औपचारिक रूप से समझौते पर बातचीत शुरू कर दी है। बरकत ने कहा कि एफटीए वार्ता में संवेदनशील क्षेत्रों को शामिल नहीं किया जाएगा।
व्यापार और निवेश के बड़े अवसर
बरकत ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि भारत और इजराइल के बीच व्यापार और निवेश बढ़ाने की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। कई इजराइली कंपनियां भारत में अपनी अनुषंगी कंपनियां खोलने में रुचि रखती हैं, जो उनके लिए एशिया के प्रवेश द्वार का काम कर सकती हैं।
उन्होंने कहा कि दुनिया अब समझ रही है कि भारत बहुत बड़े अवसर प्रदान करता है और अब वह बीते समय वाला भारत नहीं है।
इजराइल के मंत्री ने कहा कि भारत चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने की अच्छी स्थिति में है।
टीओआर के मुख्य तत्व
- शुल्क और गैर-शुल्क बाधाओं को समाप्त कर बाजार पहुंच बढ़ाना
- निवेश सुगमता और प्रक्रियाओं को सरल बनाना
- सीमा शुल्क प्रक्रियाओं का सरलीकरण
- नवाचार और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में सहयोग
- सेवाओं के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को आसान बनाना
पिछली बातचीत और व्यापार आंकड़े
भारत और इजराइल मई 2010 से एफटीए जैसे समझौते पर बातचीत कर रहे थे, लेकिन आठ दौर की बातचीत के बाद यह प्रक्रिया रुक गई। आखिरी बातचीत अक्टूबर 2021 में हुई थी।
वित्त वर्ष 2024–25 में इजराइल को भारत का निर्यात 52 प्रतिशत घटकर 4.52 अरब डॉलर से 2.14 अरब डॉलर रह गया। आयात भी 26.2 प्रतिशत घटकर 1.48 अरब डॉलर हो गया। इस प्रकार द्विपक्षीय व्यापार 3.62 अरब डॉलर रहा।
भारत–इजराइल व्यापार संरचना
भारत एशिया में इजराइल का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। प्रमुख व्यापार क्षेत्रों में शामिल हैं:
मुख्य व्यापारिक वस्तुएं
- हीरे और कीमती पत्थर
- पेट्रोलियम और रासायनिक उत्पाद
- इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी
- उच्च प्रौद्योगिकी उपकरण
- संचार प्रणालियां
- चिकित्सकीय उपकरण
भारत से इजराइल के लिए प्रमुख निर्यात में मोती-रत्न, डीजल, रासायनिक-खनिज उत्पाद, मशीनरी-विद्युत उपकरण, प्लास्टिक, वस्त्र, परिधान, बेस मेटल, परिवहन उपकरण और कृषि उत्पाद शामिल हैं।
सितंबर में दोनों देशों ने द्विपक्षीय निवेश समझौते (बीआईए) पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत भारत ने इजराइली निवेशकों के लिए स्थानीय प्रक्रिया अवधि पांच वर्ष से घटाकर तीन वर्ष कर दी। इजराइल इस प्रकार का समझौता करने वाला पहला ओईसीडी सदस्य बना।
अप्रैल 2000 से जून 2025 के बीच भारत को इजराइल से 33.77 करोड़ अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ।