भारत और ब्रिटेन ने किया ऐतिहासिक व्यापार समझौता
भारत और ब्रिटेन ने 6 मई 2025 को एक ऐतिहासिक व्यापार समझौता पूरा किया, जिसमें चमड़े, जूते और कपड़ों जैसे श्रम-बहुल उत्पादों के निर्यात पर शुल्क समाप्त किया गया। इसके परिणामस्वरूप, ब्रिटेन से व्हिस्की और कारों का आयात सस्ता हो जाएगा।
इस समझौते से वर्ष 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार दोगुना होकर 120 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
एफटीए लागू होने पर ब्रिटेन के बाजार में 99% भारतीय उत्पादों पर शुल्क शून्य हो जाएगा, जबकि भारतीय श्रमिकों को ब्रिटेन की आव्रजन प्रणाली में बदलाव के बिना यात्रा करने की अनुमति होगी।
इसके अतिरिक्त, भारतीय वस्त्र, फ्रोजन झींगे, आभूषण और रत्नों के निर्यात पर करों में कटौती की जाएगी। इसी तरह, ब्रिटेन से व्हिस्की और जिन जैसी शराब किस्मों के आयात शुल्क में भी कटौती की जाएगी।
दोनों पक्षों के कोटा के तहत वाहनों के आयात पर शुल्क 10% हो जाएगा, जिससे टाटा-जेएलआर जैसी वाहन कंपनियों को लाभ होगा।
ब्रिटेन में शून्य शुल्क पर प्रवेश करने वाले भारतीय उत्पादों में खनिज, रसायन, रत्न और आभूषण, प्लास्टिक, रबड़, लकड़ी, कागज, कपड़े, कांच, सिरेमिक, यांत्रिक और बिजली मशीनरी, हथियार/गोला-बारूद, परिवहन/वाहन, फर्नीचर, खेल के सामान, पशु उत्पाद और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ शामिल हैं।