भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि की दिशा
17 अप्रैल 2025 को नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अगले तीन वर्षों में जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ सकती है और 2047 तक यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकती है।
उन्होंने कहा, "वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। अगले वर्ष के अंत तक हम चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। उसके बाद वाले साल में हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो जाएंगे।"
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था का आकार वर्तमान में 4,300 अरब डॉलर है। उन्होंने कहा, "हम तीन वर्ष में जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ देंगे। 2047 तक हम दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (30,000 अरब डॉलर) बन सकते हैं।"
सुब्रह्मण्यम ने यह भी कहा कि मध्यम आय वाले देशों की समस्याएं, कम आय वाले देशों की समस्याओं से बेहद अलग हैं। उन्होंने कहा, "यह गरीबों को भोजन देने या लोगों को कपड़े उपलब्ध कराने के बारे में नहीं है। यह इस बारे में है कि आप ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था कैसे बनें।"
उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया ने कभी ऐसी स्थिति नहीं देखी जहां जनसंख्या घटेगी। उन्होंने दावा किया कि जापान 15,000 भारतीय नर्सों तथा जर्मनी 20,000 स्वास्थ्यकर्मियों की सेवाएं ले रहा है, क्योंकि उनके पास ऐसे पेशेवर लोग नहीं हैं। वहां पारिवारिक व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गई हैं। सुब्रह्मण्यम ने कहा, 'भारत विश्वभर में कामकाजी आयु वर्ग के लोगों का एक स्थिर आपूर्तिकर्ता होगा और यह हमारी सबसे बड़ी ताकत होगी।'