भारत की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 6.2 प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। यह पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में 6.5 प्रतिशत रही थी।
एजेंसी ने अपने ताजा परिदृश्य में कहा कि इसी अवधि के दौरान देश की वास्तविक सकल मूल्य वर्धित (GVA) वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत से अधिक होगी।
जहां जीडीपी देश में उत्पादित कुल वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य को दर्शाता है, वहीं जीवीए में मध्यवर्ती वस्तुओं और सेवाओं की लागत घटाकर शुद्ध मूल्य प्राप्त किया जाता है।
मुद्रास्फीति और घाटा अनुमान
रिपोर्ट के अनुसार, सीपीआई आधारित महंगाई दर 3.5% से अधिक और थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) 1.8% से अधिक रहने की संभावना है।
इक्रा का अनुमान है कि राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4 प्रतिशत और चालू खाता घाटा 1.2 से 1.3 प्रतिशत के बीच रहेगा।
ग्रामीण मांग और बजट की भूमिका
एजेंसी के अनुसार, रबी फसल की बेहतर पैदावार और जलाशयों में सामान्य से अधिक जलस्तर के कारण ग्रामीण मांग में तेजी बनी रहेगी।
इक्रा ने यह भी कहा कि वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में आयकर में राहत, ब्याज दर में कटौती और खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी के कारण घरेलू खर्च योग्य आय में वृद्धि की उम्मीद है।
निर्यात और निवेश
रिपोर्ट के अनुसार भारत का वस्तु निर्यात निकट भविष्य में सुस्त रह सकता है, जबकि सेवा निर्यात में बेहतर प्रदर्शन की संभावना है।
केंद्र सरकार का पूंजीगत व्यय 2025-26 में 10.1% बढ़ सकता है, जिससे निवेश को बल मिलेगा। हालांकि व्यापार नीतियों में अनिश्चितता और कमजोर निर्यात संभावना के कारण निजी पूंजीगत व्यय सीमित रह सकता है।