2040 तक चंद्रमा पर होंगे भारतीय के कदम: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 7 मई को कहा कि भारत अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है और 2040 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर कदम रखेंगे। वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण सम्मेलन के लिए अपने रिकॉर्ड किए गए संदेश में उन्होंने कहा कि भारत के अन्वेषण मिशनों में अब मंगल और शुक्र भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा, “भारत की अंतरिक्ष यात्रा दूसरों से प्रतिस्पर्धा नहीं है, बल्कि एक साथ ऊंचाइयों को छूने की भावना है। हम मानवता की भलाई के लिए मिलकर अंतरिक्ष की खोज करना चाहते हैं।”
मोदी ने कहा कि भारत ने दक्षिण एशियाई देशों के लिए एक उपग्रह प्रक्षेपित किया है और ‘जी-20 उपग्रह मिशन’ ग्लोबल साउथ के लिए एक उपहार होगा।
उन्होंने 2027 की शुरुआत में प्रस्तावित ‘गगनयान’ मिशन का उल्लेख करते हुए कहा कि यह भारत की बढ़ती आकांक्षाओं का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि आने वाले हफ्तों में एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री ISRO-NASA के संयुक्त मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करेगा।
29 मई को प्रक्षेपित होने वाले Axiom-4 मिशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य यात्री 14 दिन कक्षीय प्रयोगशाला में बिताएंगे।
इसी प्रकार GLEX-2025 का आयोजन ISRO और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री महासंघ द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।
मोदी ने कहा, “अंतरिक्ष केवल एक मंजिल नहीं, बल्कि जिज्ञासा, साहस और सामूहिक प्रगति का प्रतीक है। भारत की अंतरिक्ष यात्रा इसी भावना को दर्शाती है।”
उन्होंने कहा, “2035 तक भारत का अंतरिक्ष स्टेशन अनुसंधान और वैश्विक सहयोग में नई सीमाएं खोलेगा। और 2040 तक एक भारतीय चंद्रमा पर कदम रखेगा। मंगल और शुक्र भी हमारे रडार पर हैं।”
मोदी ने कहा कि 1963 में एक छोटे रॉकेट से शुरुआत कर भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बना है।
“हमारे रॉकेट 1.4 अरब भारतीयों के सपने लेकर उड़ान भरते हैं। हमारी उपलब्धियां वैज्ञानिक पड़ाव हैं और यह प्रमाण हैं कि मानवीय भावना गुरुत्वाकर्षण को चुनौती दे सकती है।”
उन्होंने कहा कि भारत ने 2014 में पहले ही प्रयास में मंगल तक पहुंचकर इतिहास रच दिया। चंद्रयान-1 ने चंद्रमा पर पानी खोजने में मदद की, चंद्रयान-2 ने उच्चतम रिज़ॉल्यूशन वाली तस्वीरें भेजीं और चंद्रयान-3 ने दक्षिणी ध्रुव पर हमारी समझ को बढ़ाया।
मोदी ने बताया कि भारत ने रिकॉर्ड समय में क्रायोजेनिक इंजन बनाए, एक ही मिशन में 100 उपग्रह प्रक्षेपित किए, और 34 देशों के 400 से अधिक उपग्रह प्रक्षेपित किए। इस वर्ष भी भारत ने दो महत्वपूर्ण उपग्रह अंतरिक्ष में स्थापित किए हैं।