हर घर पर होगा क्यूआर कोड, लोकेशन, सरकारी सेवाओं की जानकारी मिलेगी, 29 जून से शुरूआत
अब घर का पता भी होगा डिजिटल! इंदौर के हर घर पर लगेगा खास QR कोड
27 जून 2025 को इंदौर नगर निगम एक अनोखी और आधुनिक पहल की शुरुआत करने जा रहा है। शहर के साढ़े चार लाख से ज्यादा घरों को अब एक ‘डिजिटल पता’ मिलेगा। इसके तहत हर घर के बाहर एक विशेष QR कोड वाली प्लेट लगाई जाएगी। जैसे ही यह QR कोड स्कैन किया जाएगा, मोबाइल पर उस घर की लोकेशन, बिजली-पानी के बिल, संपत्ति कर और प्रमाणपत्र जैसी जानकारी की डिजिटल पेज खुलेगा। इससे न केवल सरकारी सेवाएं मिलेंगी बल्कि घर का पता भी आसानी से साझा किया जा सकेगा।
इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि यह योजना भारत सरकार के Digipin प्लेटफॉर्म से जुड़ी है। इसका पहला पायलट प्रोजेक्ट वार्ड 82 से 29 जून से शुरू होगा। यदि यह सफल रहता है तो पूरे इंदौर शहर में इसे लागू किया जाएगा। इस QR कोड आधारित डिजिटल पता प्रणाली को जीपीएस से भी ज्यादा सटीक बताया गया है। खास बात यह है कि इस सुविधा के लिए किसी भी नागरिक से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। लोगों की निजी जानकारी भी सुरक्षित रखी जाएगी और सिर्फ सीमित जानकारी ही सार्वजनिक होगी।
Indore Digital Address: अब घर का पता भी होगा डिजिटल! इंदौर के हर घर पर लगेगा खास QR कोड
घर के बाहर लगेगा डिजिटल QR कोड
इस तकनीक के तहत हर घर की एक प्लेट बनाई जाएगी जिस पर एक यूनिक QR कोड होगा। इस कोड को स्कैन करने पर न सिर्फ उस घर की सही लोकेशन मिलेगी बल्कि उसके आसपास का नक्शा और घर की असली तस्वीर भी दिखाई देगी। इससे बाहर से आने वाले व्यक्ति, सरकारी विभाग या आपातकालीन सेवाएं सही पते तक तेजी से पहुंच सकेंगी। खासकर पुलिस, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसी सेवाओं के लिए यह सुविधा क्रांतिकारी साबित हो सकती है।
नागरिकों को मिलेंगी कई सेवाएं एक क्लिक पर
डिजिटल पते की सुविधा केवल लोकेशन तक ही सीमित नहीं रहेगी। लोग इसी प्लेटफॉर्म से अपने बिजली और पानी के बिल का भुगतान भी कर सकेंगे। साथ ही संपत्ति कर, जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेजों की जानकारी भी इस डिजिटल पेज पर मौजूद होगी। घर का मालिक यदि यह QR कोड किसी को भेजता है तो सामने वाला व्यक्ति गूगल मैप्स या किसी भी अन्य एप्स की मदद लिए बिना आसानी से उस घर तक पहुंच सकेगा।
इस पहल से इंदौर देश का पहला ऐसा शहर बनने जा रहा है जहां प्रत्येक घर का डिजिटल एड्रेस होगा। यह पहल न सिर्फ स्मार्ट सिटी की ओर एक कदम है बल्कि डिजिटल इंडिया अभियान को भी मजबूती देगी। शहर की तकनीकी पहचान को भी इससे एक नई दिशा मिलेगी। यह योजना भविष्य में अन्य शहरों के लिए एक मॉडल बन सकती है। यदि इंदौर में यह योजना सफल होती है तो जल्द ही देश के अन्य बड़े शहरों में भी इसे अपनाया जा सकता है।