भारतीय सेना की आंख बने इसरो के 7 सैटेलाइट
भारतीय सेना की आंख बने इसरो के 7 सैटेलाइट
इसरो के 7 निगरानी सैटेलाइट पाकिस्तान में आतंकी लॉन्च पैड और सैन्य ठिकानों की सटीक जानकारी भारतीय सेनाओं को उपलब्ध करा रहे हैं। कार्टोसेट सीरीज से 0.6 मीटर से 0.35 मीटर तक की हाई रिजॉल्यूशन इमेजरी प्राप्त की जा रही है।
इसरो के 7 प्रमुख सैटेलाइट्स और उनकी विशेषताएं:
- आरआईसैट-2बी: बादलों, रात और धूलभरे मौसम में भी निगरानी में सक्षम सिंथेटिक अपर्चर रडार सैटेलाइट। समुद्री क्षेत्रों में नौसेना के लिए बेहद उपयोगी।
- आरआईसैट-2बीआर1: 35 सेमी दूरी पर स्थित दो वस्तुओं की पहचान करने में सक्षम, छिपे मूवमेंट को पकड़ने में प्रभावशाली।
- कार्टोसेट-3: 25 सेमी तक की हाई रेजोल्यूशन इमेज लेने वाला पैनक्रोमैटिक कैमरा, रिमोट सेंसिंग में अग्रणी।
- इमिसैट: दुश्मन के रडार सिग्नल और इलेक्ट्रॉनिक गतिविधियों की निगरानी, DRDO द्वारा विकसित कौटिल्य प्रोजेक्ट का हिस्सा।
- हायसिस: हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग से सैनिक गतिविधियों और संरचनात्मक बदलाव की पहचान में मदद करता है।
- जीसैट-7: नौसेना और तटरक्षक बलों के लिए संचार सैटेलाइट, 60 जहाजों और 75 विमानों को जोड़ने की क्षमता।
- जीसैट-7ए: वायुसेना और सेना के UAV व नेटवर्क-केंद्रित युद्ध प्रणाली को जोड़ने वाला सैटेलाइट, 19 दिसंबर 2018 को लॉन्च।
भविष्य की योजना
भारत अगले 5 वर्षों में 52 नए सैटेलाइट लॉन्च करने की योजना बना रहा है, जिनमें से आधे निजी क्षेत्र और आधे इसरो द्वारा विकसित किए जाएंगे। इससे निगरानी क्षमता कई गुना बढ़ेगी।