इसरो 7 नवंबर को निसार उपग्रह के परिचालन की घोषणा करेगा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने 5 नवंबर को कहा कि इसरो और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ‘निसार’ उपग्रह के परिचालन शुरू करने की घोषणा शुक्रवार को की जाएगी। ‘नासा-इसरो सिंथेटिक ऐपर्चर रडार’ (निसार) को अब तक का सबसे महंगा पृथ्वी अवलोकन उपग्रह कहा जाता है।
यह उपग्रह पृथ्वी की अधिकांश भूमि और बर्फीली सतहों पर हर 12 दिनों में दो बार निगरानी करने में सक्षम है। लगभग 2,400 किलोग्राम वजनी ‘निसार’ उपग्रह को 30 जुलाई को इसरो के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से जीएसएलवी रॉकेट के माध्यम से प्रक्षेपित किया गया था।
‘उभरते विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सम्मेलन’ (ईएसटीआईसी) को संबोधित करते हुए नारायणन ने कहा, “संपूर्ण डेटा का निर्धारण पूरा हो चुका है और हम 7 नवंबर को एक सम्मेलन आयोजित करेंगे, जिसमें उपग्रह के परिचालन शुरू करने की घोषणा की जाएगी।”
उन्होंने कहा, “सारा डेटा बहुत उत्कृष्ट है। हर 12 दिन में पृथ्वी का अवलोकन किया जा सकता है और यह एक अत्यंत उपयोगी उपग्रह साबित होगा।”
इसरो प्रमुख ने यह भी बताया कि ‘गगनयान’ परियोजना का पहला मानवरहित मिशन जनवरी में होने की उम्मीद है। इस मिशन के तहत 2027 तक एक स्वदेशी रॉकेट के माध्यम से अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना है।
नारायणन ने बताया कि इस मिशन के लिए अब तक 8,000 से अधिक परीक्षण किए जा चुके हैं और इसरो की योजना अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की कक्षा में भेजने से पहले तीन मानवरहित मिशन संचालित करने की है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की योजना 2028 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का पहला मॉड्यूल लॉन्च करने की है।