इसरो 18 मई को करेगा 101वां उपग्रह RISAT-18 लॉन्च
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 18 मई को अपना 101वां उपग्रह - पृथ्वी अवलोकन उपग्रह RISAT-18 लॉन्च करेगा। इसे ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV-C61) के माध्यम से श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया जाएगा।
इसरो अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने 15 मई को यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह मिशन देश की सुरक्षा और आपदा प्रबंधन क्षमताओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
देश की सुरक्षा के लिए समर्पित मिशन
जब उनसे पूछा गया कि क्या यह लॉन्च विशेष रूप से भारतीय सशस्त्र बलों के लिए है, तो उन्होंने कहा, “हमारे सभी कार्यक्रम देश की सुरक्षा के लिए हैं। हम किसी देश से प्रतिस्पर्धा नहीं करते, बल्कि राष्ट्रहित में कार्य करते हैं।”
उन्होंने बताया कि देश की सुरक्षा और निगरानी के लिए 10 उपग्रह लगातार 24 घंटे काम कर रहे हैं।
2040 तक भारत का पहला अंतरिक्ष स्टेशन
11 मई को मणिपुर की राजधानी इम्फाल में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बोलते हुए नारायणन ने कहा कि “भारत एक ऊर्जावान अंतरिक्ष शक्ति बन रहा है और वर्ष 2040 तक अपना पहला अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना पर काम कर रहा है।”
उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने अब तक 34 देशों के 433 उपग्रह अंतरिक्ष में स्थापित किए हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में
डॉ. नारायणन की यह टिप्पणी भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य संघर्ष की पृष्ठभूमि में आई है। भारत ने 7 मई को "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान और पीओके स्थित आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी।
इसके बाद भारत और पाकिस्तान ने जमीन, वायु और समुद्री कार्रवाई को तत्काल प्रभाव से रोकने पर सहमति जताई।
उन्होंने कहा, “यदि हमें देश की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है, तो उपग्रह और ड्रोन तकनीक की आवश्यकता है। हमें 7,000 किलोमीटर लंबे समुद्र तट और पूरे उत्तर भारत की सतत निगरानी करनी है, जो इन तकनीकों के बिना संभव नहीं है।”