जापान ने भारत को दो शिंकानसेन बुलेट ट्रेनें—ई5 और ई3—मुफ्त में देने की घोषणा की है। ये ट्रेनें मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर की टेस्टिंग में मदद करेंगी।
इन ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 320 किलोमीटर प्रति घंटा है। जापान में ये 2011 से चल रही हैं। भारत के लिए ये ट्रेनें शिंकानसेन तकनीक का पहला अनुभव होंगी।
इन ट्रेनों में विशेष निरीक्षण उपकरण लगाए जाएंगे, जो भारतीय पर्यावरणीय परिस्थितियों जैसे ट्रैक, गति, तापमान और धूल के अनुसार डेटा जुटाएंगे। इस डेटा के आधार पर अगली पीढ़ी की ई-10 सीरीज (अल्फा एक्स) का डिजाइन तैयार किया जाएगा।
जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) भारत के बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को 80% तक के लोन से फंडिंग कर रही है, जिसकी ब्याज दर केवल 0.1% है और भुगतान 50 साल में करना है।
ई-3 सीरीज पुराना मॉडल है, जो जापान में 'मिनी शिंकानसेन' बुलेट सेवा में इस्तेमाल होता है। इसकी राइड क्वालिटी, एयरोडायनामिक डिजाइन और सेफ्टी फीचर्स बेहतरीन हैं।
भारत को पहली बार शिंकानसेन तकनीक का अनुभव मिलेगा, जिससे भविष्य में 400 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ई-10 सीरीज की तैयारी में तेजी आएगी।
जापान इससे पहले ताइवान को भी शिंकानसेन टेस्ट ट्रेन तोहफे में दे चुका है। भारत को ट्रेनें देना जापान की रणनीतिक साझेदारी और दोस्ती का प्रतीक है।