वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी की रिपोर्ट बहुमत से स्वीकार
वक्फ कानूनों में संशोधनों से संबंधित विधेयक पर गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट को 11 मतों की तुलना में 15 मतों के बहुमत से स्वीकार कर लिया गया। माना जा रहा है कि जेपीसी लोकसभा सचिवालय को गुरुवार को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी और आगामी बजट सत्र में इसे दोनों सदनों में पेश किया जाएगा। सरकार बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान जेपीसी द्वारा सुझाए गए 15 संशोधनों के साथ विधेयक को पास कराने की कोशिश करेगी। जेपीसी की फाइनल रिपोर्ट में विधेयक में सत्तापक्ष के सदस्यों द्वारा सुझाए गए 15 संशोधनों को जगह मिली है। इसके पहले विपक्ष द्वारा सुझाए संशोधन को बहुमत से खारिज किये जा चुके हैं। विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट को मुसलमानों के धार्मिक मामलों में दखल करार देते हुए इसके खिलाफ अपनी राय दर्ज कराई।
सूत्रों के अनुसार विधेयक में किये गए 15 संशोधनों में से चार अहम हैं। इनमें सबसे बड़ा वक्फ संपत्ति के निर्धारण में कलक्टर की भूमिका को सीमित करना है। अगस्त में विधेयक के पेश किये जाते समय विपक्ष की ओर से कलक्टर को अत्यधिक अधिकार दिये जाने पर सवाल उठाए गए थे। जेपीसी की रिपोर्ट में कलक्टर की जगह कमीश्नर या सचिव जैसे वरिष्ठ अधिकारी को रखने का प्रस्ताव किया गया है, जिसकी नियुक्ति राज्य सरकार करेगी। इसके साथ ही जेपीसी ने वक्फ कानून को पूर्व की तारीख से नहीं लागू करने को अपनी रिपोर्ट में शामिल किया है। इसमें शर्त सिर्फ इतनी है कि जमीन सरकारी नहीं हो या फिर उस पर पहले से विवाद नहीं चल रहा हो। वहीं रिपोर्ट में मुस्लिम समाज से जुड़े पंजीकृत बड़े ट्रस्ट को भी वक्फ कानून से बाहर रखा गया है और वक्फ बोर्ड में मुस्लिम विद्वान को जगह दी गई है।