अजीत डोभाल को लगातार तीसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) नियुक्त किया गया है। अजीत डोभाल को पहली बार 20 मई 2014 को देश का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया था। तब से डोभाल ही इस पद को संभाल रहे हैं। 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी अजीत डोभाल को कूटनीतिक सोच और काउंटर टेरेरिज्म का विशेषज्ञ माना जाता है। अजीत डोभाल 2005 में इंटेलिजेंस ब्यूरो प्रमुख के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें 30 मई, 2014 को पहली बार एनएसए के रूप में नियुक्त किया गया था। इसके बाद 31 मई, 2019 को एक बार फिर से उन्हें एनएसए के रूप में नियुक्ति मिली। माना जाता है कि उरी में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक में अजीत डोभाल की अहम भूमिका रही थी। इसके बाद पुलवामा में आतंकी हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक में भी डोभाल ने बड़ी भूमिका निभाई।
उधर प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह जिम्मेदारी प्रमोद कुमार मिश्रा ही संभालते रहेंगे।
पीके मिश्रा प्रशासनिक मामले और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में नियुक्तियों का काम देखेंगे। इसके अलावा अजीत डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा, सैन्य मामले और इंटेलिजेंस की जिम्मेदारी संभालेंगे।
पूर्व आईएएस अधिकारियों अमित खरे और तरुण कपूर की नियुक्ति फिर से प्रधानमंत्री मोदी के सलाहकार के रूप में की गई है। अमित खरे झारखंड कैडर के 1985 बैच के अधिकारी हैं। इसके अलावा तरुण कपूर हिमाचल प्रदेश कैडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। दोनों अधिकारियों की नियुक्ति 10 जून 2024 से प्रभावी होगी। इनकी नियुक्तियां केंद्र सरकार के सचिव के पद और वेतनमान पर दो वर्ष के लिए अनुबंध के आधार पर की गई हैं। इससे पहले तरुण कपूर पूर्व पेट्रोलियम सचिव और अमित खरे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय तथा शिक्षा मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं।
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