16 अप्रैल 2025 को न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई का नाम भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में सिफारिश की गई। यह सिफारिश वर्तमान सीजेआई, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना द्वारा की गई, जिनका कार्यकाल 13 मई 2025 को समाप्त हो रहा है। परंपरा के अनुसार, वर्तमान सीजेआई अपने उत्तराधिकारी के रूप में सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश का नाम प्रस्तावित करते हैं।
अगर न्यायमूर्ति गवई के नाम पर मुहर लगती है, तो वे 14 मई 2025 को शपथ लेंगे और 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे। उनका कार्यकाल नवंबर 2025 तक रहेगा, क्योंकि वे उसी महीने सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
न्यायमूर्ति गवई का न्यायिक करियर 1985 में शुरू हुआ था और उन्हें 24 मई 2019 को सर्वोच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति के रूप में नियुक्त किया गया था। वे अनुसूचित जाति समुदाय से दूसरे मुख्य न्यायाधीश होंगे, इससे पहले न्यायमूर्ति के.जी. बालकृष्णन ने 2007 से 2010 तक सीजेआई का पद संभाला था।
न्यायमूर्ति गवई ने कई महत्वपूर्ण फैसलों में भाग लिया है और उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में कई महत्वपूर्ण बेंचों का हिस्सा रहते हुए कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए हैं। उनकी नियुक्ति न्यायपालिका में विविधता और प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम मानी जा रही है।