जस्टिस रूसिया प्रिंसिपल बेंच के प्रशासनिक जज बने
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शहर के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों को लेकर वर्षों से चल रहे विवाद पर बड़ा और अंतरिम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि BHS और GHS के खाते अब प्रिंसिपल और जिला मजिस्ट्रेट (DM) द्वारा नियुक्त अधिकारियों के साथ मिलकर संचालित किए जाएंगे।
स्कूलों के प्रबंधन की देखरेख के लिए एक पूर्व न्यायाधीश को पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि प्रबंधकीय विवादों का निपटारा सिविल कोर्ट में कराया जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की एकलपीठ ने द इलाहाबाद हाईस्कूल सोसाइटी और अन्य की याचिका पर दिया।
कोर्ट ने कहा कि CIPBC और CNI के खाते संबंधित प्रधानाचार्य, DM और पुलिस कमिश्नर के संयुक्त प्रबंधन में होंगे। इलाहाबाद हाईस्कूल सोसाइटी प्रयागराज में दो प्रमुख संस्थानों, Boys High School & College और Girls High School & College का संचालन करती है। इन स्कूलों पर नियंत्रण को लेकर CIPBC और CNI गुटों के बीच लंबी कानूनी लड़ाई चल रही थी, जिसके चलते हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
प्रबंधन के सुचारू संचालन के लिए हाईकोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश जस्टिस उमेश कुमार को पर्यवेक्षक नियुक्त किया। पर्यवेक्षक को रिकॉर्ड का निरीक्षण करने का अधिकार होगा और वे सुनिश्चित करेंगे कि स्वतंत्र चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा त्रैमासिक ऑडिट किया जाए। पर्यवेक्षक को दोनों स्कूलों में कार्यालय प्रदान किया जाएगा, और प्रधानाचार्य बुनियादी ढांचा और कर्मचारियों की व्यवस्था करेंगे। इसके साथ ही 13 लंबे समय से चल रही याचिकाओं का निस्तारण भी कर दिया गया है।