'लेटरल एंट्री से नियुक्तियां बंद करने की कोई योजना नहीं'
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 18 जून को कहा कि सरकार अभी भी लेटरल एंट्री के माध्यम से नियुक्तियों के लिए प्रतिबद्ध है और इस योजना को बंद करने की कोई योजना नहीं है। लेटरल एंट्री का अर्थ है - सरकारी विभागों में विशेषज्ञों की नियुक्ति, जिसमें निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ भी शामिल होते हैं।
मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस योजना की शुरुआत एक नेक इरादे के साथ की गई थी ताकि प्रशासन में विशेषज्ञता लाई जा सके और बेहतर शासन सुनिश्चित किया जा सके।
गौरतलब है कि संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने अगस्त 2024 में 45 पदों (10 संयुक्त सचिव और 35 निदेशक या उप सचिव) को लेटरल एंट्री के माध्यम से भरने के लिए अधिसूचना जारी की थी। लेकिन आरक्षण व्यवस्था की अनुपलब्धता को लेकर हुए राजनीतिक विवाद के कारण इस विज्ञापन को रद्द कर दिया गया था।
इस निर्णय की विपक्षी दलों ने आलोचना की थी और आरोप लगाया था कि इससे ओबीसी, एससी और एसटी वर्गों के आरक्षण अधिकारों को कमजोर किया गया है।