1 अगस्त – म.प्र. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 2030 तक जीरो हंगर प्राप्ति का प्रयास ।

महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने कहा कि हम 'सुपोषित मध्य प्रदेश' के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। ग्रामीण मध्यप्रदेश को प्रगति-पथ पर ले जाने के लिए हमें विकास विभागों, विषय विशेषज्ञों, संस्थाओं और महिला समूहों को एक साथ आना होगा, तभी समृद्धशाली ग्रामीण मध्यप्रदेश के सपने को साकार किया जा सकता है। हम वर्ष 2030 तक 'जीरो हंगर' या पोषित मध्यप्रदेश के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये प्रतिबद्ध है। मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा कि मुख्यसमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्वर में महिला बाल विकास विभाग द्वारा पोषण को जन-आन्दोलन बनांने के लिए समुदाय और समाज को अपने साथ निरंतर जोड़ रहा है। मध्योप्रदेश ने समुदाय को कुपोषण दूर करने से जोड़ने के लिये न केवल पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों को पोषण शिक्षा और प्रबंधन सिखाने का प्रयास किया जा रहा है बल्कि समुदाय आधारित पोषण अभियान और इससे संबंधित कार्यक्रमों का संचालन भी निरंतर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग ने वर्ष 2020 में पोषण नीति का निर्माण कर अपने लिए बड़े और दूरगामी लक्ष्य भी निर्धारित किये हैं, जिसमें हर व्यक्ति, विशेषकर बच्चे, किशोर-किशोरी और महिलाएं बेहतर पोषण और स्वास्थ्य स्थिति प्राप्त कर सकें।

मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा कि ‘सुपोषित मध्य प्रदेश’ की दिशा में राज्य में कई नवाचारों, सामुदायिक कार्यक्रमों और लोगों को जोड़कर उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की जा रही है। विश्व स्तनपान सप्ताह, महिला सशक्तिकरण के लिए 100 दिवसीय विशेष जागरूकता अभियान, महिला हेल्पलाइन 181, बच्चों के लिए हेल्पलाइन 1098, बेटी बचाओ-बेटी पढाओ और इन सबसे बढ़कर महिलाओं के आर्थिक उत्थान के लिए 'लाड़ली बहना' के माध्यम से पूरे देश में महिला और बाल विकास ने अलख जगा दी है। प्रदेश में हम इस बार 'पोषण भी और पढाई भी' की नई संकल्पदना के साथ कार्य प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमें पढ़ाई के साथ-साथ पोषण को भी अहम माना गया है। 'प्रधानमंत्री जन-मन योजना' में हम विशेष आदिवासी क्षेत्रों में आंगनवाड़ी भवनों को बनाकर वहॉ के बच्चोंा का पोषण स्तवर सुधार रहे हैं। प्रदेश में लगभग 500 करोड़ की लागत से आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कराया जा रहा है।

महिला-बाल विकास मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा कि प्रदेश के इन्हीं नवाचारो से राष्ट्रिय स्तर के पारिवारिक सर्वेक्षण NFHS-4 से NFHS-5 के 4 वर्षों के बीच में मध्य प्रदेश में बच्चों की पोषण स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। अब कम वजन वाले बच्चों का प्रतिशत 43% से घटकर 33% हो गया है वही वेस्टेड (Wasted) बच्चों का प्रतिशत 26% से घटकर 19% हो गया है।

इस योजना के माध्यम से अब प्रत्येक गांव और पंचायतों तक की पोषण पैरामीटर्स पर मोनिटरिंग की जा रही है। हमारा प्रयास है की प्रत्येक गांव में बेहतर और गुणवत्तापूर्ण आंगनवाड़ी केंद्र की उपलब्धता और सेवाए सुनिश्चित हो, ताकि पोषण एक जन अभियान का रूप ले सके। विभाग अन्य सभी विभागों के साथ मिलकर स्वास्थ्य, पोषण और उसके कारको जैसे आजीविका, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक सुरक्षा आदि पर भी कार्य कर रहा है।

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