जीएसटी 2.0 से मध्यप्रदेश को 12 हजार करोड़ रुपए का घाटा
मध्यप्रदेश की वित्तीय स्थिति पर जीएसटी 2.0 का बड़ा असर पड़ा है। नए नियमों के चलते राज्य को 12,000 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है।
नतीजा यह होगा कि अब सरकार को अपने खर्चों में भारी कटौती करनी पड़ेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र के हिस्से में 12-13% तक की कमी आई है। इसी वजह से राज्य सरकार को गाड़ियों की खरीद, नए दफ्तरों का निर्माण, डायरी-कैलेंडर की छपाई और विदेश यात्राओं जैसे बड़े खर्चों पर रोक लगानी पड़ी है।
सरकार ने हाल ही में पुलिस और अन्य विभागों के लिए नई वर्दियां देने की योजना बनाई थी, लेकिन अब इस पर भी रोक लगने की संभावना है। नए प्रोजेक्ट्स और योजनाओं के लिए फंड का इंतजार करना होगा।
मप्र की अर्थव्यवस्था पर बोझ
राज्य सरकार को मिलने वाली जीएसटी भरपाई (कंपनसेशन) घटने से सीधा असर विकास योजनाओं और कर्मचारियों के भत्तों पर पड़ेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, मध्यप्रदेश को हर साल लगभग 12 हजार करोड़ रुपये की मदद मिलती थी, लेकिन अब इस सहायता में बड़ी कटौती हो चुकी है।
खर्चों पर सख्ती
सरकारी दफ्तरों में फिजूलखर्ची रोकने के लिए सख्त आदेश जारी किए गए हैं, जिनके अंतर्गत:
- गाड़ियों की खरीद बंद
- नए दफ्तरों का निर्माण टला
- डायरी और कैलेंडर की छपाई रुकी
- विदेश यात्राओं पर ब्रेक
- बड़े आयोजनों पर लगाम
आगे की चुनौती
वित्त विभाग के अफसरों का मानना है कि अब राज्य सरकार को अपनी प्राथमिकताओं को फिर से तय करना होगा। जरूरी योजनाओं और कल्याणकारी कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी जाएगी, जबकि बाकी खर्चों पर कटौती की जाएगी।