मध्य प्रदेश में एक नई और बड़ी व्यकवस्थां लागू कर दी गई है। यह व्ययवस्थास नगरीय निकायों के लिए है। जारी अध्यांदेश के अनुसार अब राज्यव में किसी भी नगर पालिका या नगर परिषद के अध्य क्ष के खिलाफ तीन साल की अवधि से पहले कोई अविश्वागस प्रस्ता व नहीं लाया जा सकेगा। राज्य पाल ने इस पर अनुमति दे दी है। राज्यपाल मंगुभाई पटेल की अनुमति मिलते ही विधि एवं विधायी विभाग ने मध्य प्रदेश नगर पालिका द्वितीय संशोधन अध्यादेश 2024 को अधिसूचित कर प्रभावी कर दिया। इस अध्यादेश के अधिसूचित होने के बाद अब मध्य प्रदेश में अब नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष के विरुद्ध तीन वर्ष के पहले अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकेगा। इसके लिए तीन चौथाई पार्षदों के हस्ताक्षर से ही प्रस्ताव प्रस्तुत किया जा सकेगा। यह नई व्यवस्था प्रदेश सरकार ने नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 43 क में अध्यादेश के माध्यम से संशोधन कर लागू की है।