मध्यप्रदेश सोलर कैपिटल बनने को तैयार: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
11 जून को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनाने की दिशा में मध्यप्रदेश पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है।
भोपाल में आयोजित ‘सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना समिट’ में 350 से अधिक निवेशकों की भागीदारी से 20 हजार करोड़ रुपये के संभावित निवेश का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2030 तक भारत के 500 गीगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य में प्रदेश शत-प्रतिशत योगदान देगा। महेश्वर का फ्लोटिंग एनर्जी पार्क, रीवा-नीमच के सोलर प्रोजेक्ट्स, और मोहासा बाबई में स्थापित की जा रही 22 इकाइयाँ प्रदेश को नवकरणीय ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाएंगी।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 तक प्रदेश के सभी सरकारी भवनों पर सोलर रूफटॉप लगाए जाएंगे। साथ ही, सूर्य मित्र योजना के अंतर्गत स्थानीय निवेशकों को जोड़कर रोजगार और सम्मानजनक आय के अवसर सृजित किए जा रहे हैं।
आने वाले तीन वर्षों में 32 लाख सोलर पंप लगाए जाएंगे, जिससे किसानों को दिन में सिंचाई के लिए बिजली मिलेगी। इससे बिजली बिलों में राहत और जीवन-शैली में सुधार होगा।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने बताया कि राज्य सरकार ने 1900 सबस्टेशनों पर 100% क्षमता से परियोजनाएँ लागू करने का लक्ष्य रखा है। निवेशकों को प्रति मेगावॉट 1.5 करोड़ रुपये तक की केंद्रीय अनुदान सहायता चुनने की स्वतंत्रता दी गई है। साथ ही, कृषि अवसंरचना निधि के अंतर्गत 3% ब्याज में 7 वर्षों की छूट भी दी जाएगी।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम सिंह तोमर ने कहा कि ग्रीन एनर्जी पर जोर देने से पर्यावरण और भावी पीढ़ियों दोनों को लाभ मिलेगा। अपर मुख्य सचिव मनु श्रीवास्तव और नीरज मंडलोई ने बताया कि किसानों को दिन में अधिक सौर ऊर्जा उपलब्ध कराने और ग्रिड स्थायित्व में सुधार के लिए योजना क्रियान्वित की जा रही है।
एमडी अमनबीर सिंह बैंस ने कहा कि प्रत्येक 5 मेगावॉट की इकाई के लिए लगभग 20 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी। इससे 25 वर्षों तक सस्ती बिजली और स्थायी आय सुनिश्चित की जा सकेगी।