कैंसर सर्वाइवर हैं नई मिस वर्ल्ड, लोगों को कर रही जागरूक
1 जून को मिस वर्ल्ड 2025 ओपल सुचाता चुआंग्सरी ने कैंसर जागरूकता फैलाने का संदेश दिया। वह स्वयं एक कैंसर सर्वाइवर हैं। अध्ययनों से पता चला है कि जीवनशैली में बदलाव के जरिए लगभग 90% कैंसर के मामलों को रोका जा सकता है।
कैंसर: जितना डरावना दिखता है, उतना बेकाबू नहीं
जब "कैंसर" शब्द सुनते हैं, तो कई लोगों को डर लगने लगता है। इस बीमारी ने लाखों लोगों की जान ली है, लेकिन कई लोग इससे जूझकर बाहर भी निकले हैं। मिस वर्ल्ड 2025 ओपल सुचाता की कहानी इस बात का प्रमाण है। जब वह सिर्फ 16 साल की थीं, तब उन्हें स्तन में गांठ मिली और उन्होंने सर्जरी करवाई। गांठ भले ही सौम्य थी, लेकिन उस डर ने उनके जीवन को प्रभावित किया।
"जिस दिन मुझे सिर्फ़ 16 साल की उम्र में एक गांठ का पता चला, मेरी दुनिया थम सी गई। भले ही यह गांठ सौम्य थी, लेकिन उस डर ने मुझ पर गहरा असर डाला।"
केवल 5–10% कैंसर आनुवंशिक होते हैं
अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार, केवल 5–10% कैंसर के मामले आनुवंशिक होते हैं। बाकी 90–95% मामले पर्यावरण, भोजन और जीवनशैली से जुड़े होते हैं। इसका अर्थ है कि हम अपने जीवन में स्वस्थ बदलाव करके कैंसर से काफी हद तक बच सकते हैं।
विश्व कैंसर सर्वाइवर दिवस
अगर समय रहते कैंसर का पता चल जाए, तो ज़्यादातर मामलों में इलाज संभव है। युवराज सिंह, मनीषा कोइराला, सोनाली बेंद्रे, ताहिरा कश्यप, अनुराग बसु और राकेश रोशन जैसे लोगों ने यह साबित किया है कि कैंसर से जीतना संभव है।
विश्व कैंसर सर्वाइवर दिवस के अवसर पर, आइए जागरूकता फैलाएं और लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करें।
देर से पता चलने के कारण बढ़ती मृत्यु दर
भारत में लगभग 80% कैंसर के मामलों का पता तब चलता है जब वे उन्नत अवस्था में पहुँच चुके होते हैं। इनमें से 70% लोग एक वर्ष के भीतर ही मृत्यु को प्राप्त कर लेते हैं। अब कैंसर भारत में हृदय रोग के बाद मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण बन गया है, जबकि दो दशक पहले यह सातवें स्थान पर था।