केंद्र सरकार ने स्वच्छता अभियान के तहत शहरों के बीच प्रतियोगिता को और व्यावहारिक बनाने के लिए टॉप शहरों के लिए अलग कैटेगरी बनाने की घोषणा की है। इसके तहत इंदौर और सूरत जैसे शहर जो अक्सर टॉप में ही रहते हैं उनका अलग श्रेणी में मुकाबला होगा। इसके अलावा इस बार स्वच्छता पखवाड़े में 2.60 लाख स्थानों को चयनित कर साफ करने का लक्ष्य रखा गया है। देश में स्वच्छता के लिए शहरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को नई दिशा देते हुए शहरी कार्य मंत्रालय ने गोल्डन सिटी क्लब के रूप में मुकाबले की एक नई श्रेणी बनाने की घोषणा की है। इसका उद्देश्य स्वच्छता की रैंकिंग में लगातार शीर्ष स्थान पर आ रहे शहरों का एक अलग समूह बनाकर बाकी शहरों के बीच बराबरी का मुकाबला कराना है। गौरतलब है कि इंदौर और सूरत जैसे शहर वर्षों से स्वच्छता रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल कर रहे हैं और उनका दबदबा इस कदर है कि शहरों के बीच साफ-सफाई की प्रतियोगिता का नतीजा एक तरह से पहले से तय हो जाता है। इस स्थिति को दूर करने के लिए आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने बताया कि गोल्डन सिटी क्लब कैटेगरी सभी वर्गों में होगी और इसमें केवल वे शहर शामिल होंगे, जो शीर्ष स्थान पर रहते रहे हैं।