23 जुलाई -निर्मला सीतारमण ने लगातार 7वीं बार बजट पेश किया • केन्द्रीय वित्त् एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में प्रस्तुत ‘केन्द्री य बजट 2024-25’ की प्रमुख बातें निम्नलिखित हैं : • कुल प्राप्तियां: 32.07 लाख करोड़ रुपये • कुल व्याय: 48.21 लाख करोड़ रुपये • सकल कर प्राप्ति: 25.83 लाख करोड़ • वित्तीय घाटा: जीडीपी का 4.9 प्रतिशत। • सरकार का लक्ष्य घाटे को अगले साल 4.5 प्रतिशत से नीचे लाना है। • मुद्रास्फीति कम, स्थायी और 4 प्रतिशत के लक्ष्य की ओर जारी है। • कोर मुद्रास्फीति (गैर-खाद्य, गैर-ईंधन) 3.1 प्रतिशत। • बजट में रोजगार, कौशल, एमएसएमई और मध्य वर्ग पर विशेष ध्यान है 4.1 करोड़ युवाओं के लिए पांच साल में रोजगार-कौशल और अन्य अवसरों के लिए प्रधानमंत्री की पांच योजनाएं और पहल। • अगले पांच साल की अवधि में 20 लाख युवाओं का कौशल बढ़ाया जाएगा। • 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाौनों का उन्नंयन किया जाएगा।पांच साल में एक करोड़ युवाओं को पांच सौ टॉप कंपनियों में इंटर्नशिप के लिए नई योजना। ‘विकसित भारत’ की दिशा में नौ बजट प्राथमिकताएं : 1. कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता 2. रोजगार और कौशल प्रशिक्षण 3. समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय 4. विनिर्माण और सेवाएं 5. शहरी विकास 6. ऊर्जा सुरक्षा 7. अवसंरचना 8. नवाचार, अनुसंधान और विकास, और 9. अगली पीढ़ी के सुधार प्राथमिकता 1: कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता • कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का आवंटन। • किसानों की खेतीबाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी। • प्रमाण-पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था के साथ अगले दो वर्षों में पूरे देश में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि से जोड़ा जाएगा। • प्राकृतिक खेती के लिए 10,000 आवश्यकता आधारित जैव-आदान संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे। • तीन साल में किसानों और उनकी जमीन को शामिल करने हेतु कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) को लागू किया जाएगा। प्राथमिकता 2: रोजगार और कौशल प्रशिक्षण • प्रधानमंत्री पैकेज के भाग के रूप में ‘रोजगार संबद्ध प्रोत्साहन’ के लिए निम्नलिखित 3 योजनाओं योजना क- पहली बार रोजगार पाने वाले, योजना ख- विनिर्माण में रोजगार सृजन, योजना ग- नियोक्तापओं को मदद। • कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए o औद्योगिक सहयोग से महिला छात्रावास और क्रेचों की स्थापना। o महिला केन्द्रित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन o महिला स्वयं सहायता समूह उद्यम को बाजार तक पहुंच को बढ़ाना o प्रधानमंत्री के पैकेज के तहत पांच साल की अवधि में 20 लाख युवाओं के कौशल विकास के लिए केन्द्र प्रायोजित नई योजना। o 7.5लाख रुपये तक के ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना। o सरकार की योजनाओं और नीतियों के तहत किसी लाभ के लिए पात्र नहीं होने वाले युवाओं को घरेलू संस्थानों में उच्चतर शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण हेतु वित्तीय सहायता। • बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से मौजूदा वित्त वर्ष में 15,000 करोड़ रुपये की विशेष वित्तीय सहायता। • महिलाओं और लड़कियों को फायदा पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए कुल तीन लाख करोड़ रुपये का आवंटन। • जनजातीय-बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजातीय परिवारों का सामाजिक-आर्थिक विकास, इसमें 63,000 गांवों के 5 करोड़ जनजातीय लोग लाभार्थी होंगे। • पूंजीगत व्यय के लिए `11,11,111 करोड़ रुपये (जीडीपी का 3.4 प्रतिशत) का प्रावधान। • राज्यों को उनके संसाधन आवंटन में सहायता करने के लिए इस वर्ष भी 1.5 लाख करोड़ रुपये के ब्याज रहित दीर्घावधि ऋण का प्रावधान। • 25,000 ग्रामीण बसावटों के लिए बारहमासी सड़क संपर्क उपलब्ध कराने हेतु पीएमजीएसवाई का चरण IV आरंभ किया जाएगा। • विष्णुपद मंदिर गलियारा, महाबोधि मंदिर गलियारा और राजगीर का व्यापक विकास। • ओडिशा के मंदिरों, स्मारक, शिल्प, वन्य जीव अभयारण्य, प्राकृतिक भू-दृश्य और प्राचीन समुद्री तट के विकास हेतु सहायता। • अगले 10 वर्षों में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को 5 गुणा बढ़ाने पर निरन्तर जोर देते हुए 1,000 करोड़ रुपये की उद्यम पूंजी निधि। • नाबालिगों के लिए माता-पिता और अभिभावकों द्वारा योगदान हेतु एक योजना के रूप में एनपीएस वात्सल्य । • वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रूपये से बढ़ाकर 75,000 रूपये करने का प्रस्ताव। • पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को 15,000 रूपये से बढ़ाकर 25,000 रूपये करने का प्रस्ताव।