ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने एक साथ तीन दुश्मनों से लिया मोर्चा - उप सेना प्रमुख
4 जुलाई को उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के समय भारत एक बॉर्डर पर था, लेकिन सामना तीन दुश्मनों से कर रहा था। पाकिस्तान सामने था, जबकि चीन और तुर्किए हथियार और तकनीकी सहायता दे रहे थे।
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा, "चीन ने पाकिस्तान को भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया। वह हमारी हर रणनीतिक गतिविधि की जानकारी पाकिस्तान को लाइव देता रहा, जिससे पाकिस्तान को हमारी सैन्य तैयारी की सटीक जानकारी मिल रही थी।" उन्होंने बताया कि चीन ने भारत को एक प्रकार की टेस्ट लैब की तरह इस्तेमाल किया और यह रणनीति चीन की 36 प्राचीन सैन्य रणनीतियों में से एक है—“किराए की छुरी से वार करना।”
तुर्किए ने बैरेक्टर और अन्य ड्रोन पाकिस्तान को दिए, जिनका इस्तेमाल भारत के खिलाफ भी हुआ।
ऑपरेशन सिंदूर से मिले महत्वपूर्ण सबक
नई दिल्ली में फिक्की के ‘न्यू एज मिलिट्री टेक्नोलॉजीस’ इवेंट में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर ने आधुनिक युद्ध की चुनौतियों को उजागर किया। हमें अब और भी मजबूत एयर डिफेंस की आवश्यकता है।”
उन्होंने कहा, “पिछले युद्धों की तरह अब दर्द सहने की गुंजाइश नहीं है। टारगेट की प्लानिंग और चयन डेटा पर आधारित था। कुल 21 टारगेट पहचाने गए, जिनमें से अंतिम समय पर 9 को चुना गया। ऑपरेशन के दौरान एयर डिफेंस की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही।”
उन्होंने चेतावनी दी कि अगली बार दुश्मन की नजर हमारी जनसंख्या केंद्रों पर हो सकती है, इसलिए हमें एयर डिफेंस सिस्टम, काउंटर रॉकेट, आर्टिलरी और ड्रोन जैसे सिस्टम की तैयारी करनी होगी।
तेजी से सैन्य प्रगति की जरूरत
उन्होंने कहा, “हम इजराइल के आयरन डोम सिस्टम को देख रहे हैं। लेकिन भारत का क्षेत्र बहुत विशाल है और ऐसी तकनीकों पर बहुत धन खर्च होता है। हमें अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए निवेश बढ़ाना होगा।”
उन्होंने जानकारी दी कि सेना सितंबर-अक्टूबर तक ड्रोन फ्रेमवर्क जारी करेगी। लेकिन अभी भी कई महत्वपूर्ण तकनीकी तत्व जैसे सीक्रेट टेक्नोलॉजी और इंजन हमें बाहर से मंगवाने पड़ते हैं, जिनमें निवेश की आवश्यकता है।
पहलगाम हमले का जवाब था ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की। इस कार्रवाई में करीब 100 आतंकियों को मार गिराया गया। इसके बाद 10 मई को शाम 5 बजे भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर सहमति बनी।