पीएम मित्र पार्क धार: 25 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी करेंगे भूमि पूजन
अक्टूबर में मध्यप्रदेश को दो बड़ी सौगातें मिलने वाली हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भोपाल मेट्रो और धार जिले में बन रहे पीएम मित्र पार्क का लोकार्पण करेंगे। यह पार्क धार जिले के भैंसोला गांव में 2,177 एकड़ में बनाया जा रहा है। पीएम मित्र का मतलब है - प्रधानमंत्री मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल। यह पार्क प्रधानमंत्री मोदी के 5F विजन - फार्म टू फाइबर टू फैक्ट्री टू फैशन टू फॉरेन के आधार पर विकसित किया जा रहा है।
इसके इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर कुल 2050 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पहले चरण में केंद्र सरकार ने 773 करोड़ रुपये के टेंडर जारी किए हैं। इसे राज्य के कपड़ा उद्योग के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
एकीकृत कपड़ा प्रक्रिया
इस पार्क में कपास से धागा, धागे से कपड़ा और फिर तैयार कपड़े की बिक्री और निर्यात तक की सभी प्रक्रिया एक ही स्थान से संचालित की जाएगी। यहां कटाई, बुनाई, प्रोसेसिंग, रंगाई, छपाई और परिधान निर्माण जैसे कार्य होंगे। यह पार्क राज्य के कपड़ा उद्योग के लिए एक नए युग की शुरुआत मानी जा रही है। अब तक सरकार को 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं। देश-विदेश की कई बड़ी टेक्सटाइल कंपनियों ने इसमें रुचि दिखाई है।
1563 एकड़ में विकसित होगा टेक्सटाइल पार्क
भारत सरकार ने मार्च 2023 में मध्यप्रदेश में पीएम मित्र पार्क की स्थापना को स्वीकृति दी थी। यह पार्क धार जिले की बदनावर तहसील के भैंसोला गांव में 1,563 एकड़ भूमि पर बनाया जा रहा है। यह भूमि पूरी तरह एमपीआईडीसी के अधीन है। पार्क इंदौर से 110 किमी, पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र से 85 किमी और रतलाम से 50 किमी दूर स्थित है। इसका उद्देश्य कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देना और रोजगार के अवसर बढ़ाना है।
पीएम मित्र पार्क से लाखों को मिलेगा रोजगार
पार्क से 50,000 लोगों को प्रत्यक्ष और 1.5 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है। धार जिले में यह परियोजना आदिवासी क्षेत्रों जैसे झाबुआ और रतलाम के लिए भी लाभकारी होगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि "प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिया गया यह तोहफा एमपी के विकास और कपड़ा उद्योग के लिए एक नई शुरुआत है।"
देशभर में 7 राज्यों में स्थापित होंगे पीएम मित्र पार्क
भारत सरकार ने देश के 7 राज्यों में पीएम मित्र पार्क की स्थापना को अंतिम रूप दिया है। ये पार्क तमिलनाडु (विरुधुनगर), तेलंगाना (वारंगल), गुजरात (नवसारी), कर्नाटक (कलबुर्गी), उत्तर प्रदेश (लखनऊ), मध्यप्रदेश (धार), और महाराष्ट्र (अमरावती) में बन रहे हैं। इनका लक्ष्य 70,000 करोड़ रुपये का निवेश और लगभग 20 लाख रोजगार सृजित करना है।