कैंसर सेल्स पर सीधे वार करने वाली दवाइयों का पता लगाकर भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER) भोपाल के विज्ञानी प्रो. विशाल राय ने देशभर में नाम कमाया है। प्रो. राय ने प्रोटीन इंजीनियरिंग पर काम कर कैंसर सेल्स पर सीधे वार करने वाली दवाइयों का पता लगाया है।एंटीबाडी-ड्रग कंजुगेट (एडीसी) तकनीक की मदद से अब यह दवाइयां सीधे कैंसर सेल्स पर वार करेगी। इससे कीमोथैरेपी से होने वाले नुकसान के साथ कैंसर का इलाज भी आसान हो जाएगा। इनके साथ ही आईसर की ही जैविक विज्ञान विभाग की प्रो. आर महालक्ष्मी को भी विज्ञान युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
माइटोकोन्ड्रिया के निष्क्रिय होने से होती हैं मानसिक बीमारियां
प्रो. आर महालक्ष्मी को यह पुरस्कार माइटोकोन्ड्रियल मेम्ब्रेन प्रोटीन फोल्डिंग और स्वास्थ्य में इसकी भूमिका विषय पर शोध के लिए प्रदान किया गया है। महालक्ष्मी कोयम्बटूर की रहने वाली हैं। वह 2009 से आइसर के जैविक विज्ञान विभाग में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। माइटोकोन्ड्रिया की बाहरी झिल्ली में आवश्यक प्रोटीन होते हैं, जिसके निष्क्रिय होने पर कई प्रकार की मानसिक बीमारियां हो सकती हैं। शोध में इनके निष्क्रिय रहने के कारणों के बारे में भी बताया गया है।