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ई-कॉमर्स में करियर के तेजी से बढ़ते मौकों का परिदृश्य


यकीनन पूरी दुनिया में भारत का ई-कॉमर्स सबसे तेज गति से बढ़ रहा है और ई-कॉमर्स के क्षेत्र में करियर के अवसर छलांगे लगाकर बढ़ रहे हैं। ऑनलाइन खरीदी यानी ई-शॉपिंग ने ई-कॉमर्स को तेजी से विस्तारित कर दिया है। यह कोई छोटी बात नहीं है कि ई-कॉमर्स कंपनियों ने कोविड-19 के बीच रोजगार घटने की चुनौतियों को कम करते हुए वर्ष-प्रतिवर्ष तेजी से लगातार बड़े पैमाने पर लाखों नई नियुक्तियों के दौर को आगे बढ़ाया है।

डिजिटलीकरण ने ई-कॉमर्स में करियर को दी है रफ्तार

निसंदेह देश में कोविड-19 के बीच लॉकडाउन, बढ़ता डिजिटलीकरण, इंटरनेट के उपयोगकर्ताओं की लगातार बढ़ती संख्या, मोबाइल और डेटा पैकेज दोनों का सस्ता होना ई-कॉमर्स और ई-कामर्स में रोजगार के तेजी से बढ़ने के प्रमुख कारण हैं।

इसमें कोई दोमत नहीं हैं कि कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन से निर्मित हुई ऑनलाइन खरीदारी देश के कोने-कोने में करोड़ों उपभोक्ताओं की आदत और व्यवहार का अभिन्न अंग बन गई है। ऑनलाइन उत्पादों के कैटलॉग चेक करके मन पसंद वस्तुओं की एक क्लिक पर वापसी की सुविधा के साथ घर के दरवाजे पर डिलिवरी का चमकीला लाभप्रद बाजार ई-कॉमर्स की देन है। यह भी स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि छोटे शहरों के उपभोक्ताओं में भी गुणवत्तापूर्ण जिंदगी जीने की महत्वाकांक्षा की पूर्ति के लिए ई शॉपिंग के विभिन्न विकल्पों वाले प्लेटफॉर्मों के उपलब्ध होने के कारण देश में ई-कॉमर्स की रफ्तार बढ़ी है। किराना बाजार को छोड़ दिया जाए तो अन्य प्रकार की वस्तुओं की 25 प्रतिशत बिक्री अब ई-कॉमर्स प्लेटफार्म से होने लगी है। इलेक्ट्रॉनिक्स के अलावा घरों की सजावट, हेल्थ व फार्मा जैसे सेक्टर में ई-कॉमर्स प्लेटफार्म से अधिक खरीदारी हो रही है। ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर एफएमसीजी, कृषि, फैशन व गारमेंट्स, सौंदर्य प्रसाधन से जुड़े उत्पादों आदि सभी तरह की वस्तुओं की बिक्री में तेजी आई है।

उल्लेखनीय है कि इंटरनेट इन इंडिया रिपोर्ट 2022 के मुताबिक भारत में सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 2022 में करीब 75.9 करोड़ थी यह वर्ष 2022 में भारत में 20 करोड़ से अधिक लोगों ने ऑनलाइऩ कुछ न कुछ खरीदा है। देश में ई-कॉमर्स के लिए सरल वित्तपोषण, प्रौद्योगिकी और प्रशिक्षण के साधन की उपलब्धता सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को लाभांवित कर रहा है। डिजिटल भुगतान, हाइपर-लोकल लॉजिस्टिक्स, एनालिटिक्स जैसे प्रौद्योगिकी-सक्षम नवाचार -संचालित ग्राहक जुड़ाव और डिजिटल विज्ञापन भी ई-कॉमर्स के विकास को तेजी से बढ़ा रहे हैं। सरकार के द्वारा ई-कॉमर्स करने में आसानी हेतु लाइसेंस प्रक्रिया का युक्तिकरण, खुदरा कारोबार डिजिटलीकरण के साथ-साथ डिजिटल वाणिज्य के लिए एक खुला नेटवर्क स्थापित करने जैसे उठाए गए कदमों से भी ई-कॉमर्स बढ़ा है। जुलाई 2023 में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा अधिसूचित उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम 2020 के तहत ई-कॉमर्स कंपनियों को उत्पाद लिस्टिंग के साथ मूल देश प्रदर्शित करने के प्लेटफॉर्म पर उत्पाद लिस्टिंग निर्धारित करने मापदंडों का भी खुलासा करने के निर्देशों के परिपालन की अनिवार्यता भी महत्वपूर्ण है। सरकार के डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, इनोवेशन फंड जैसे कार्यक्रम से भी छोटे बडे सभी शहरों में घरेलू ई-कॉमर्स को काफी समर्थन मिला है। सरकार के इनोवेशन फंड जैसे कार्यक्रम से भी घरेलू ई-कॉमर्स को काफी समर्थन मिला है। देश में अगली पीढ़ी की मोबाइल ब्रॉडबैंड तकनीक के लॉन्च होने से पहले ही भारतीय उपभोक्ता 5जी स्मार्टफोन को तेजी से अपना रहे हैं।

तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स में तेजी से बढ़े करियर के मौके

देश में ई-कॉमर्स कितनी तेजी से छलांगें लगाकर आगे बढ़ रहा है, इसका अनुमान ई-कॉमर्स से संबंधित कुछ प्रमुख रिपोर्टों से लगाया जा सकता है। ग्लोबल प्रोफेशनल सर्विसेज फर्म अलवारेज एंड मार्सल इंडिया और सीआईआई इंस्टीट्यूट ऑफ लॉजिस्टिक्स द्वारा तैयार रिपोर्ट के मुताबिक भारत में ई-कॉमर्स का जो कारोबार वर्ष 2010 में एक अरब डॉलर से भी कम था, लेकिन उसके बाद तेजी से बढ़ा है। डेलॉइट इंडिया रिपोर्ट के अनुसार, जैसे-जैसे भारत दुनिया तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार बनने की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे देश के ई-कॉमर्स बाजार का आकार तेजी से बढ़ रहा है। वर्ष 2021-22 में, ई-कॉमर्स का कारोबार 49 अरब अमेरिकी डॉलर था। वर्ष 2022-23 में, ई-कॉमर्स का कारोबार 60 डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 22 फीसदी अधिक है। वित्त मंत्रालय की अक्टूबर 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2026 तक ई-कॉमर्स का कारोबार 163 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।

उल्लेखनीय है कि ई-कॉमर्स से होने वाले कुल कारोबार में टियर-1 की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2022-23 में 44.3 प्रतिशत रही। टियर-2 में यह हिस्सेदारी 37.1 प्रतिशत तो टियर-3 में 18.6 प्रतिशत की रही। इसलिए टियर-2 और टियर-3 में ई-कॉमर्स कारोबार के बढ़ने की पूरी गुंजाइश है। स्पष्ट है कि छोटे-बड़े सभी शहरों में बढ़ते ई-कॉमर्स ने रोजगार के मौके बढ़ाए हैं। खासतौर से परियोजना आधारित गिग वर्क को बढ़ाने में ई-कॉमर्स की अहम भूमिका है।

ई-कॉमर्स के तेजी से बढ़ते हुए निर्यात और तेज विदेशी निवेश से बढ़े करियर के अवसर

जिस तरह देश में घरेलू स्तर पर ई-कॉमर्स तेजी से बढ़ रहा है, उसी तरह भारत का ई-कॉमर्स निर्यात भी तेजी से बढ़ रहा है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के मुताबिक अगले 6 से 7 साल में भारत का ई-कॉमर्स निर्यात बढ़कर 200 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है, जो अभी करीब महज 1.2 अरब डॉलर है। डीजीएफटी ने छोटे उद्यमियों और स्वरोजगार करने वाले युवाओं को ई कॉमर्स निर्यात में मदद का तरीका अपनाया है उससे ई-कॉमर्स निर्यात बढ़ रहा है। डाकघरों में ही ई-कॉमर्स निर्यात के लिए पार्सल खिड़किया अलग से बनाई गई है और डाकघर में ही उन्हें कस्टम क्लीयरस मिल जाता है। इसी तरह डीजीएफटी अन्य नियामक एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहा है और उसने ई-कॉमर्स निर्यात आसान बनाने के लिए लॉजिस्टिक्स, ई-कॉमर्स सेवा प्लेटफॉर्म प्रदाता, अंतरराष्ट्रीय भुगतान व्यवस्था, नियामक एजेंसियां जैसे भारतीय रिजर्व बैंक, राजस्व विभाग के बीच अच्छे समन्वय और तालमेल का काम किया है, उससे ई-कॉमर्स निर्यात तेजी से बढ़ रहे हैं। डीजीएफटी ने ई-कॉमर्स को लेकर निर्यातकों में जागरूकता बढ़ाने और उन्हें शिक्षित करने पर जोर दिया है।

इसके साथ-साथ भारत में ई-कॉमर्स सेक्टर में विदेशी निवेश बढ़ने से भी रोजगार के मौके बढ़े हैं। ई-कॉमर्स में विदेशी खिलाड़ियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए, भारत सरकार ने ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस मॉडल में एफडीआई की सीमा को 100% (बी2बी मॉडल में) तक बढ़ा दिया है। अमेज़ॅन के मुताबिक उनकी कंपनी भारत में ई-कॉमर्स कारोबार में 2030 तक 26 अरब डॉलर का निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें से 11 अरब डॉलर का निवेश पहले ही किया जा चुका है।

ई-कॉमर्स में करियर के बहुआयामी मौके

ई-कॉमर्स में करियर के बहुआयामी मौके निर्मित हुए हैं। ये मौके डिलीवरी ब्वॉय से लेकर सप्लाई चेन मैनेजमेंट, कंटेंट डेवलपमेंट, रिटेल मैनेजमेंट, मार्केटिंग तथा फाइनेंस सेक्टर आदि से जुड़े हुए हैं। ई-कॉमर्स के क्षेत्र में करियर बहुत ही सरलता से बनाया जा सकता है। इस के लिए ई-कॉमर्स मूलभूत जरूरतों की जानकारी के साथ अच्छी अंग्रेजी, कम्प्यूटर दक्षता, निर्णय लेने की क्षमता, परिश्रम की प्रवृत्ति, कम्युनिकेशन व टेक्नीकल स्किल्स तथा जनसंचार से जुड़ी हुई स्किल्स मुठ्ठियों में ली जाना जरूरी है।

ई-कॉमर्स में करियर कैसे बनाएँ ?

ई-कॉमर्स के क्षेत्र में करियर बनाने की शुरुआत बारहवीं के बाद ही की जा सकती है। बारहवीं के उपरांत ई-कॉमर्स में प्रमाणपत्र, वेब और ई-कॉमर्स प्रौद्योगिकी में प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम बैचलर ऑफ ई-कॉमर्स, बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन इन ई-कॉमर्स आदि उपलब्ध हैं। इसके अलावा स्नातकोत्तर स्तर के भी पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं जो इस प्रकार हैं- एमबीए इन ई-कॉमर्स, मास्टर इन ई-कॉमर्स, मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग इन ई-कॉमर्स, मास्टर ऑफ साइंस इन ई-कॉमर्स एप्लीकेशन्स, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन ई-कॉमर्स एप्लीकेशन्स, पीजी डिप्लोमा इन इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट इन ई-कॉमर्स, एडवांस डिप्लोमा इन वेब एंड ई-कॉमर्स टेक्नोलॉजी, ई-कॉमर्स एप्लीकेशन प्रोग्रामर, ई-कॉमर्स विजुअल एप्लीकेशन डेवलपर आदि। देश के ज्यादातर विश्वविद्यालयों, विभिन्न शासकीय कॉलेजों और निजी क्षेत्र के कई संस्थानों में ई-कॉमर्स के सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, डिग्री और पोस्ट ग्रेजुएशन के कोर्स संचालित किए जाते हैं। इस तरह कॉमर्स और ई-कॉमर्स में करियर की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यदि आप ई-कॉमर्स में अच्छा करियर बनाना चाहते हैं तो अपनी उपयुक्ततता के अनुसार कोई ई-कॉमर्स कोर्स तथा ई-कॉमर्स से संबंधित किसी कोर्स के लिए अच्छे संस्थान का चयन करके करियर की चमकीली डगर पर आगे बढ़ सकते हैं ।

-डॉ. जयंतीलाल भंडारी ( विख्यात करियर काउंसलर) 111, गुमास्ता नगर, इंदौर-9 (फोन- 0731 2482060, 2480090)