मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट के द्वारा 'कान्ह डायवर्जन क्लोज डक्ट प्रोजेक्ट' के लिए संशोधित प्रशासनिक मंजूरी दी गई। 919 करोड़ 94 लाख रुपये की अद्यतन लागत वाली इस परियोजना को सिंहस्थ-2028 के आयोजन को सुविधाजनक बनाने के लिए अनुबंधित एजेंसी द्वारा आनुपातिक आधार पर निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा करने की तैयारी है। उल्लेखनीय है कि उज्जैन जिले की कान्ह व्यपवर्तन क्लोज डक्ट परियोजना के लिये 598 करोड़ 66 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई थी। परियोजना के अंतर्गत कान्ह नदी के दूषित जल को 16.70 किमी भूमिगत बंद वाहिनी के माध्यम से उज्जैन शहर की सीमा के बाहर कालियादेह के पास क्षिप्रा नदी में प्रवाहित करना प्रस्तावित था। 15 मार्च 2024 को मेसर्स वेन्सर उज्जैन परियोजना से 479 करोड़ 89 लाख रूपये की राशि का कार्य निष्पादित किया गया। सितंबर 2027 तक काम पूरा करना है। दूषित पानी को पवित्र क्षिप्रा नदी में मिलने से रोकने के लिए बंद डक्ट का संरेखण बदल दिया गया था। बदलाव के बाद प्रस्तावित 18.5 किमी कट/कवर और 12 किमी सुरंग के कारण वर्तमान लागत 321 करोड़ 28 लाख रुपये की बढ़ोतरी के साथ 919 करोड़ 94 लाख रुपये हो गई है।