संपदा 2.0 को ई-गवर्नेंस अवॉर्ड
डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और गुड गवर्नेंस के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने नई पहचान बनाई है। प्रदेश में अब पेपरलेस और फेसलेस पंजीयन पूरी तरह से लागू हो चुका है। इस पहल के लिए संपदा 2.0 को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस स्वर्ण पुरस्कार 2025
यह पुरस्कार गवर्नमेंट प्रोसेस री-इंजीनियरिंग बाय यूज़ ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन श्रेणी में दिया गया है। इससे पहले भी राज्य को 'लास्ट माइल कनेक्टिविटी' श्रेणी में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस अवॉर्ड प्राप्त हो चुका है।
विशाखापट्टनम में हुआ पुरस्कार वितरण
विशाखापट्टनम में आयोजित ई-गवर्नेंस राष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह और भारत सरकार के डीएआरपीजी सचिव वी. श्रीनिवास ने यह पुरस्कार मध्यप्रदेश को प्रदान किया।
प्रदेश के महानिरीक्षक पंजीयन अमित तोमर और संपदा परियोजना अधिकारी स्वप्नेश शर्मा ने यह पुरस्कार ग्रहण किया।
ऐतिहासिक उपलब्धि
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि बताया और कहा कि संपदा 2.0 के माध्यम से दस्तावेजों का पंजीयन पूरी तरह से डिजिटल, सुरक्षित और पारदर्शी बन गया है।
देश में पहली बार पेपरलेस ई-पंजीयन
मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जहां दस्तावेजों का पंजीयन पूरी तरह पेपरलेस और फेसलेस हो गया है। भारतीय स्टाम्प अधिनियम के तहत 140 प्रकार के दस्तावेजों में से 75 दस्तावेजों का पंजीयन वीडियो KYC के माध्यम से हो रहा है।
तकनीकी सुविधाएं
संपदा 2.0 में GIS तकनीक सहित अत्याधुनिक डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध हैं। नागरिक www.sampada.mpigr.gov.in पोर्टल या मोबाइल ऐप के माध्यम से कहीं से भी ई-स्टाम्प प्राप्त कर सकते हैं और किसी भी क्षेत्र की गाइडलाइन दरें देख सकते हैं। पंजीयन के बाद दस्तावेज तुरंत ईमेल और व्हाट्सएप पर उपलब्ध हो जाते हैं।