एसएंडपी ने भारत के जीडीपी वृद्धि अनुमान को 6.5% तक बढ़ाया, FY 2025-26
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत के जीडीपी वृद्धि अनुमान को बढ़ाकर 6.5% कर दिया है। इस बदलाव के पीछे सामान्य मानसून, कच्चे तेल की कम कीमतें और मौद्रिक नरमी जैसे प्रमुख कारण हैं। इन कारकों के कारण देश की आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलने की उम्मीद है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था के जोखिम और तेल कीमतों पर चिंता
रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने पश्चिम एशिया में अशांति के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को बढ़ते जोखिम के बारे में भी चिंता व्यक्त की है। एसएंडपी ने कहा कि तेल की कीमतों में दीर्घकालिक वृद्धि से धीमी वैश्विक वृद्धि और शुद्ध ऊर्जा आयातकों के चालू खातों, कीमतों व लागतों पर दबाव पड़ सकता है, विशेष रूप से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में। हालांकि, एजेंसी ने यह भी कहा कि वैश्विक ऊर्जा बाजारों की वर्तमान स्थिति में तेल की कीमतों पर दीर्घकालिक प्रभाव होने की संभावना नहीं है।
पहले का अनुमान और आर्थिक दृष्टिकोण
पहले, एसएंडपी ने वैश्विक अनिश्चितताओं और अमेरिकी शुल्क झटकों के कारण भारत के वित्त वर्ष 2025-26 के जीडीपी वृद्धि अनुमान को घटाकर 6.3% कर दिया था। हालांकि, अब बेहतर आर्थिक स्थिति को देखते हुए यह अनुमान बढ़ाकर 6.5% कर दिया गया है। एसएंडपी की ताजा एशिया-प्रशांत आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर स्थिर रहेगा, जो वित्त वर्ष 2025-26 के अंत तक चलेगा (31 मार्च 2026)।
मुख्य बातें
- एसएंडपी ने भारत के जीडीपी वृद्धि अनुमान को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 6.5% तक बढ़ाया।
- यह अनुमान सामान्य मानसून, कच्चे तेल की कम कीमतों और मौद्रिक नरमी के आधार पर बढ़ाया गया है।
- एसएंडपी ने वैश्विक अशांति के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए बढ़ते जोखिमों पर चिंता व्यक्त की।
- एसएंडपी को उम्मीद है कि भारत की जीडीपी वृद्धि 6.5% पर स्थिर रहेगी।