पढ़ाई की परख... छठी के 47 प्रतिशत बच्चों को 10 तक पहाड़े भी नहीं आते
देश के प्राथमिक स्कूल बेहद खस्ताहाल हैं, जैसा कि शिक्षा मंत्रालय के एक सर्वेक्षण में सामने आया है। इस सर्वे में पता चला कि कक्षा तीन के 47% बच्चों को 10 तक का पहाड़ा नहीं आता। इसके अलावा, केवल 55% बच्चे ही 99 तक की संख्याओं को आरोही और अवरोही क्रम में व्यवस्थित कर सकते हैं। यह सर्वे पहले राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) के नाम से जाना जाता था।
सर्वेक्षण में देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 74,229 स्कूलों को शामिल किया गया था। इस सर्वे में कक्षा तीन, छह और नौ के सरकारी तथा निजी दोनों स्कूलों के 21,15,022 बच्चों ने भाग लिया।
सर्वेक्षण के अनुसार, कक्षा तीन के केवल 55 प्रतिशत विद्यार्थी ही 99 तक की संख्याओं को आरोही या अवरोही क्रम में व्यवस्थित कर सकते हैं, जबकि 58 प्रतिशत विद्यार्थी दो अंकों की संख्याओं का जोड़ और घटाव कर सकते हैं।
कक्षा छह में केवल 53 प्रतिशत छात्र अंकगणितीय संक्रियाओं और उनके बीच संबंधों को समझ सकते हैं और देख सकते हैं। वे कम से कम 10 तक जोड़ और गुणन की सारणी जानते हैं और दैनिक जीवन की समस्याओं को हल करने के लिए पूर्ण संख्याओं पर चार बुनियादी संक्रियाएं लागू कर सकते हैं। कक्षा छह में "हमारे आस-पास की दुनिया" नामक एक अतिरिक्त विषय भी शुरू किया गया था, जिसमें पर्यावरण और समाज शामिल है। छात्रों ने राष्ट्रीय स्तर पर गणित में सबसे कम अंक (46 प्रतिशत) प्राप्त किए, जबकि भाषा में औसतन 57 प्रतिशत और "हमारे आस-पास की दुनिया" में 49 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।
शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, ऐसे उदाहरण जहां 50 प्रतिशत से कम छात्र सही उत्तर देने में सक्षम थे, यह सीखने की प्रक्रिया में बाधा को दर्शाते हैं।