‘हम 2021 में भी गुजरात टाइटंस फ्रेंचाइजी खरीदने की दौड़ में थे। 4,653 करोड़ रु. की बोली लगाई थी लेकिन तब चूक गए। इस बार सीवीसी ग्रुप और टोरेंट के बीच फ्रेंडली डील हो चुकी है। फरवरी में लॉक इन पीरियड खत्म होते ही ऑफिशियल डील साइन हो जाएगी।’ ये बयान है टोरेंट ग्रुप के एक सीनियर अधिकारी का। जो इस बात की पुष्टि करता है कि तीन साल पुरानी IPL की गुजरात फ्रेंचाइजी की नई बॉस अब गुजरात की ही कंपनी होगी। अहमदाबाद के टोरेंट ग्रुप और सीवीसी कैपिटल पार्टनर के बीच IPL फ्रेंचाइजी गुजरात टाइटंस को टेकओवर करने का समझौता हो गया है। दोनों ग्रुप के सीनियर अधिकारियों के बीच यह डील फिलहाल ‘फ्रेंडली शेकहैंड’ के तौर पर हुई है। क्योंकि अभी टाइटंस का लॉक इन पीरियड चल रहा है।
टोरेंट 100% की जगह 60% हिस्सेदारी ही खरीद सकता है दोनों ग्रुप से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सीवीसी ग्रुप फ्रेंचाइजी की पूरी होल्डिंग बेचने के बजाय कंट्रोलिंग स्टैक ही टोरेंट ग्रुप को बेच रहा है, इसलिए टोरेंट ग्रुप 60% हिस्सेदारी खरीदेगा। सीवीसी ग्रुप ने 2021 में इसे 5,625 करोड़ रु. में खरीदा था। बता दें, अडाणी ग्रुप भी इस फ्रेंचाइजी को खरीदने की दौड़ में शामिल था।
2021 में अडाणी ग्रुप ने इसके लिए 5,100 करोड़ की बोली भी लगाई थी, लेकिन तब बाजी सीवीसी ग्रुप ने मार ली थी। IPL का 18वां सीजन 21 मार्च से शुरू होगा और 25 मई को फाइनल खेला जाएगा। इस सीजन में कुल 74 मैच खेले जाएंगे।
यह पीरियड इसी महीने यानी फरवरी मध्य में खत्म हो जाएगा। टोरेंट के सूत्रों के मुताबिक 15 फरवरी तक हो गई। डील कितने की हुई है, यह अभी गुप्त रखा गया है। मगर अनुमान है कि यह 6100 करोड़ से 7800 करोड़ रुपए तक हो सकती है।
सीवीसी क्यों बेच रहा हिस्सेदारी: लग्जमबर्ग का सीवीसी ग्रुप शेयर मार्केट के पैटर्न पर पूरी रणनीति बनाकर चल रहा है। यानी मुनाफा हो गया तो प्रॉफिट बुक करो और निकलो।
2021 में लगा था 2 नई टीमों के लिए बोली। साल 2021 में आईपीएल में दो नई टीमों को जोड़ने के लिए दुबई में बिड लगाई गई थी। इसमें 6 शहर रेस में थे। अहमदाबाद और लखनऊ के अलावा कटक, गुवाहाटी, इंदौर और धर्मशाला का नाम शामिल था। दो टीमों को खरीदने के लिए कुल 22 बिजनेस घरानों ने दिलचस्पी दिखाई थी। इनमें अडाणी ग्रुप, इंग्लिश फुटबॉल क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड का मालिक ग्लेजर परिवार, टोरेंट फार्मा, अरबिंदो फार्मा, आरपी-संजीव गोयनका ग्रुप, हिंदुस्तान टाइम्स मीडिया ग्रुप, पूर्व सांसद नवीन जिंदल की जिंदल स्टील, रॉनी स्क्रूवाला और तीन प्राइवेट इक्विटी से जुड़े लोग शामिल थे।