ट्रंप ला सकते हैं प्लान B: 150 दिन तक 15 प्रतिशत टैरिफ में बीच का रास्ता
30 मई को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन एक नया ‘प्लान B’ तैयार कर रहा है ताकि बड़े टैरिफ (आयात शुल्क) को कानूनी रूप से बनाए रखा जा सके। यह कदम तब उठाया जा रहा है जब एक अमेरिकी अदालत ने कहा कि ट्रंप ने आपातकालीन आर्थिक शक्तियों का गलत इस्तेमाल किया है।
सरकार अब ट्रेड एक्ट 1974 के तहत नया रास्ता अपनाना चाहती है, जिसमें पहले 150 दिनों तक 15 प्रतिशत अस्थायी टैरिफ लगाया जाएगा, और बाद में व्यापारिक अनुचित प्रथाओं के खिलाफ स्थायी टैरिफ लगाए जाएंगे। यह जानकारी वॉल स्ट्रीट जर्नल ने दी है।
न्यायिक फैसले के बाद नीति में बदलाव
पिछले सप्ताह एक संघीय अपील कोर्ट ने मौजूदा टैरिफ को अस्थायी रूप से जारी रखने की अनुमति दी थी, लेकिन ट्रंप प्रशासन निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील कर रहा है। अनिश्चितता के कारण प्रशासन अब नए कानूनी विकल्प तलाश रहा है।
ट्रंप प्रशासन की दो-चरणीय योजना
- पहला चरण: ट्रेड एक्ट 1974 की धारा 122 के तहत 150 दिनों के लिए 15 प्रतिशत अस्थायी टैरिफ।
- दूसरा चरण: सेक्शन 301 के तहत स्थायी टैरिफ, जो कानूनी रूप से अधिक मजबूत मानी जाती है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लीविट ने कहा कि सरकार कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करते हुए नए कानूनी रास्ते तलाश रही है।
कानूनी विशेषज्ञों की राय
ट्रंप के वरिष्ठ ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो ने इस दो-चरणीय योजना की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि प्रशासन 1930 के स्मूट-हॉले टैरिफ एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अन्य प्रावधानों पर भी विचार कर सकता है।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह नया प्लान B पहले के मुकाबले अधिक सुरक्षित और वैध माना जा सकता है।
व्यापार समझौते पर संभावित प्रभाव
28 मई को अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय व्यापार अदालत ने कहा कि IEEPA का उपयोग व्यापार घाटा कम करने के लिए अवैध है। हालांकि, 29 मई को अपील कोर्ट ने मौजूदा टैरिफ को अस्थायी रूप से जारी रखने की अनुमति दे दी।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय से अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच संभावित व्यापार समझौते का रास्ता साफ हो सकता है, क्योंकि टैरिफ विवाद में एक बड़ी बाधा हटाई जा सकती है।