ब्रिटेन में वीजा नियम होंगे सख्त, भारतीय होंगे प्रभावित
ब्रिटेन का वीजा मिलना मुश्किल हो सकता है। विभिन्न क्षेत्रों में विदेशी श्रमिकों की नियुक्ति पर अंकुश लगाने के लिए ब्रिटिश सरकार ने 1 जुलाई को कड़े वीजा मानदंडों वाला विधेयक संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स में पेश किया। नए नियम मई में आव्रजन श्वेत पत्र में प्रस्तावित किए गए थे और संसद की मंजूरी के बाद यह 22 जुलाई से प्रभाव में आ जाएंगे।
इन नियमों का उद्देश्य कम वेतन वाली नौकरियों के लिए वीजा पर लगाम लगाकर स्नातक स्तर या उससे अधिक योग्यता वाले कर्मचारियों को आकर्षित करना है। इस बदलाव से भारतीय नागरिकों पर खासा असर पड़ने की संभावना है। ब्रिटेन की गृह मंत्री यवेट कूपर ने कहा कि सरकार प्रवासन पर नियंत्रण बहाल करने के लिए पूरी आव्रजन प्रणाली का पुनर्गठन कर रही है क्योंकि पिछली सरकार के दौरान चार वर्षों में प्रवासन चार गुना बढ़ गया था।
वर्क वीजा के लिए बढ़ी वेतन आवश्यकताएं
नए नियमों के तहत वीजा के लिए आवेदकों को अब स्नातक डिग्री या समकक्ष योग्यता की आवश्यकता होगी। ब्रिटेन में पहले से मौजूद कुशल श्रमिकों को इस नियम से छूट दी जाएगी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार वर्क वीजा के लिए वेतन आवश्यकताएं बढ़ाई जा रही हैं। सामाजिक देखभाल कार्यकर्ता पदों के लिए विदेश में भर्ती 22 जुलाई 2025 से बंद कर दी जाएगी। नए विदेशी आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। हालांकि, पहले से मौजूद देखभाल कार्यकर्ताओं को जुलाई 2028 तक तीन साल की राहत दी जाएगी।
अंग्रेजी भाषा की शर्तें होंगी सख्त
आव्रजन श्वेत पत्र में की गई सिफारिशों के आधार पर इस वर्ष के अंत तक और भी बदलाव लागू किए जाएंगे। इसमें विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने वाली कंपनियों पर आव्रजन कौशल शुल्क बढ़ाना और वीजा आवेदकों के लिए अंग्रेजी भाषा की आवश्यकताओं को सख्त बनाना शामिल है।