अमेरिका और चीन की टैरिफ कम करने पर बनी सहमति
अमेरिका और चीन के बीच 11 मई को जिनेवा में व्यापार समझौते पर सहमति बन गई है। दोनों देशों ने 115% टैरिफ में कटौती का ऐलान किया है, जो 90 दिनों के लिए लागू रहेगी।
समझौते के अनुसार, अमेरिका अब चीनी सामानों पर 30% टैरिफ लगाएगा, जबकि चीन अमेरिकी वस्तुओं पर 10% टैरिफ लगाएगा। यह समझौता जिनेवा में दो दिनों की बातचीत के बाद हुआ है।
चीन के साथ चल रहे व्यापार युद्ध के बीच इसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बड़ी जीत माना जा रहा है। अमेरिकी अधिकारियों ने इसे व्यापार घाटा कम करने के लिए एक अच्छी डील बताया है।
संयुक्त बयान जारी करने की योजना
चीन के उप-प्रधानमंत्री हे लीफेंग ने कहा कि 12 मई को जिनेवा में एक संयुक्त बयान जारी किया जाएगा। उप वाणिज्य मंत्री ली चेंगगैंग ने कहा कि यह सौदा दुनिया के लिए अच्छी खबर होगी।
जहां अमेरिका ने इसे व्यापार संतुलन की दिशा में एक कदम बताया, वहीं चीन ने इसे एक महत्वपूर्ण सहमति के रूप में देखा और कहा कि दोनों देश नई आर्थिक बातचीत की शुरुआत करेंगे।
पिछले टैरिफ विवाद
पिछले महीने ट्रम्प प्रशासन ने चीनी वस्तुओं पर 145% टैरिफ लगाया था, जिसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी सामानों पर 125% टैरिफ लगाया। इसके कारण करीब 600 अरब डॉलर का वार्षिक व्यापार लगभग रुक गया था।
अमेरिका: मतभेद उतने बड़े नहीं थे
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर ने बताया कि दोनों देश जल्दी ही समझौते पर पहुंच गए, जिससे पता चलता है कि मतभेद पहले जितने बड़े नहीं थे। हालांकि, बैठक से पहले काफी तैयारी की गई थी।
हालांकि किसी भी पक्ष ने 145% अमेरिकी टैरिफ और 125% चीनी टैरिफ हटाने की बात नहीं की है।
ट्रम्प ने दिए थे टैरिफ कम करने के संकेत
एक सप्ताह पहले ट्रम्प ने संकेत दिया था कि वे चीन पर लगाए गए टैरिफ को कम कर सकते हैं। उन्होंने माना कि मौजूदा दरें इतनी ज्यादा हैं कि व्यापार लगभग बंद हो गया है।
एनबीसी के एक शो में ट्रम्प ने कहा था, "मैं कभी भी चीन पर टैक्स कम कर सकता हूं, क्योंकि अगर ऐसा नहीं किया गया तो व्यापार मुमकिन नहीं रहेगा।"
उन्होंने यह भी कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था इस समय मुश्किल दौर से गुजर रही है। वहां की फैक्ट्रियों में उत्पादन 2023 के बाद सबसे खराब स्थिति में है और निर्यात आदेशों में भारी गिरावट आई है।
ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बैठक
यह बैठक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के फिर से सत्ता संभालने के बाद अमेरिका और चीन के वरिष्ठ आर्थिक अधिकारियों के बीच पहली आमने-सामने की बैठक थी। ट्रम्प ने कार्यभार संभालते ही वैश्विक स्तर पर टैरिफ युद्ध छेड़ दिया था।
उन्होंने फरवरी में चीनी वस्तुओं पर 20% टैरिफ लगाया, फिर अप्रैल में 34% रेसिप्रोकल टैरिफ। इसके बाद टैरिफ की दरें ट्रिपल डिजिट तक पहुंच गईं, जिससे 600 अरब डॉलर का व्यापार लगभग ठप हो गया। ट्रम्प ने शुक्रवार को कहा कि चीनी वस्तुओं पर 80% टैरिफ उचित रहेगा।