अमेरिका-चीन ट्रेड डील के करीब, व्यापार घाटा कम करने पर सहमति
12 मई को एक संयुक्त बयान के अनुसार, अमेरिका और चीन ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए अपने द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापारिक संबंधों के महत्व को स्वीकार किया है। दोनों देशों ने स्थायी, दीर्घकालिक और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों की आवश्यकता को पहचाना है।
वे प्रारंभिक 90 दिनों की अवधि के लिए घोषित पारस्परिक शुल्क और जवाबी शुल्क को वापस लेने पर सहमत हुए हैं। इस दौरान, चीन अमेरिकी वस्तुओं पर 10% शुल्क लगाएगा, जबकि अमेरिका चीनी वस्तुओं पर लगभग 30% शुल्क लगाएगा।
दोनों देशों ने अपनी पिछली चर्चाओं की समीक्षा की और माना कि निरंतर संवाद उनके व्यापारिक संबंधों की चिंताओं को सुलझाने में मदद कर सकता है। इसके लिए वे एक औपचारिक तंत्र स्थापित करेंगे ताकि बातचीत को आगे बढ़ाया जा सके।
चीन की ओर से प्रतिनिधि होंगे स्टेट काउंसिल के वाइस प्रीमियर हे लिफेंग और अमेरिका की ओर से ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट व यूनाइटेड स्टेट्स ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव जैमीसन ग्रीर। यह बैठकें दोनों देशों में बारी-बारी से या सहमति के अनुसार किसी तीसरे देश में आयोजित की जा सकती हैं।
पूर्व में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर पारस्परिक शुल्क लगाए थे जिनके साथ अमेरिका का व्यापार घाटा है। बाद में, उन्होंने 90 दिनों की अवधि के लिए शुल्कों को रोकने का फैसला किया। 9 अप्रैल से शुरू हुई इस अवधि में, सभी देशों पर 10% बेसलाइन शुल्क लगाया गया। चीन के लिए यह शुल्क 245% तक बढ़ सकते थे, जबकि चीन ने अमेरिका पर 125% शुल्क लगाए थे।
अपने दूसरे कार्यकाल में, ट्रंप ने टैरिफ पर पारस्परिकता की नीति को दोहराया और कहा कि अमेरिका अन्य देशों द्वारा लगाए गए शुल्कों का मिलान करेगा ताकि निष्पक्ष व्यापार सुनिश्चित किया जा सके।