नेहरू इंस्टीट्य़ूट ऑफ माउंटेनियरिंग, (एनआईएम), उत्तरकाशी देश एवं दुनिया में साहसिक खेलों, पर्यटन तथा चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में कैरियर संवारने में लगातार नई ऊँचाइयों को छू रहा है। देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में एनआईएम अपनी गुणवत्ता एवं नई तकनीकी के लिए जाना जाता है। यहाँ से प्रशिक्षण लेने के उपरांत देश के ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के कई लोगों ने अलग-अलग क्षेत्रों में लक्ष्य हासिल कर नाम कमाया है। संस्थान युवक, युवतियों को पहाड़ के नेचर के अनुरूप तैयार कर प्रकृति को संरक्षित रखते हुए जीवन में कुछ नया करने का जज्बा सिखाता है। गौरतलब है कि पर्वतों की चुनौतियों से आसान तरीकों से निपटने और प्रकृति तथा पर्यावरण को ध्यान में रखकर दिए जाने वाले प्रशिक्षण के लिए प्रतिवर्ष विश्वभर से यहाँ हजारों युवाओं की कतारें लगी रहती हैं। एनआईएम में अंतरराष्ट्रीय मानकों की आर्टीफिशियल वॉल, इलेक्ट्रॉनिक वॉल, स्टूडेंट हॉस्टल, लाइब्रेरी, पर्वतारोहण से संबंधित उपकरण आदि उपलब्ध हैं। एनआईएम से प्रशिक्षण प्राप्त कर लेने के बाद न केवल सरकारी क्षेत्र में बल्कि ट्रैकिंग, पर्वतारोहण, रॉक क्लाइंबिंग, हिमालय ईको टॉस्क, रैपलिंग, टीम बिल्डिंग, पहाड़ों तथा प्रकृति के बारे में जानकारी एवं आपदा प्रबंधन के गुर सीखने के बाद करियर संवारने के कई मौके मिलते हैं। साहसिक खेलों, पैरा मिलिट्री, सेना, खेलकूद विभाग, पर्यटन, आपदा प्रबंधन, कंस्ट्रक्शन विभाग, राज्य तथा केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों में गाइड से लेकर ऑफिसर तक बनने की संभावनाएँ हैं। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन इस संस्थान में सेना के कर्नल रैंक के ऑफिसर प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, डॉक्टर आदि पदों पर तैनात रहते हैं। संस्थान गरीब तथा निर्धन छात्र-छात्राओं को कोर्स करने में अनुदान के अलावा स्कॉलरशिप भी प्रदान करता है। इस संस्थान द्वारा जो कोर्स कराए जा रहे हैं, उनमें से प्रमुख इस प्रकार हैं- बेसिक माउंटेनियरिंग कोर्स, एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स, एडवेंचर कोर्स, सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स, मैथड ऑफ इंस्ट्रक्शन, स्पेशल कोर्स आदि। एनआईएम से कोर्स करने के बाद प्रशिक्षु किसी भी क्षेत्र में बेहतर कैरियर बना सकता है।