आज के वर्किंग प्रोफेशनल्स के पास पैसा तो बहुत है परंतु उनके पास इतना वक्त नहीं होता है कि वे दुकान-दुकान जाकर शॉपिंग कर सकें। ऐसे में उनकी मदद के लिए अब विदेशों की तरह भारत में भी पर्सनल शॉपर्स की मदद ली जाने लगी है। हालांकि भारत में यह कॉन्सेप्ट अभी नया है, लेकिन बड़े शहरों में लोग इसे बहुत पसंद करने लगे हैं। अगर आप भी कुछ नॉन-ट्रेडिशनल करना चाहते हैं, तो पर्सनल शॉपर के रूप में करियर बना सकते हैं। पसर्नल शॉपर बनने के लिए किसी विशेष डिग्री की जरूरत नहीं होती, लेकिन यह जरूरी है कि पर्सनल शॉपर कम्प्यूटर स्किल्स, कम्युनिकेशन स्किल्स, सेल्स एवं मार्केटिंग कौशल से दक्ष हों। गौरतलब है कि पर्सनल शॉपर को अपने क्लाइंट्स की जरूरत, उनकी लाइफस्टाइल, उसकी पसंद और शरीर के आकार का ख्याल रखते हुए उनके लिए खरीदारी करनी होती है। साथ ही अपने क्लाइंट के साथ एक विश्वास डेवलप करना होता है कि वे उनकी सलाह को मानें और उनके कहे अनुसार ड्रेस, एक्सेसरी या अन्य जरूरी सामान खरीदें। यदि पर्सनल शॉपर कपड़े खरीद रहे हैं तो उन्हें फैब्रिक, मटेरियल, कट्स और कलर्स की जानकारी भी रखनी होती है, तभी वे क्लाइंट को सही सुझाव दे पाते हैं। यह ध्यान रखें कि इस प्रोफेशन में विश्वास एवं ईमानदारी बहुत जरूरी है। पर्सनल शॉपर को क्लाइंट प्रतिमाह वेतन अथवा खरीदारी के हिसाब से कमीशन देते हैं। जैसे-जैसे पर्सनल शॉपर के क्लाइंट बढ़ते जाएँगे, वैसे-वैसे उसकी आय भी बढ़ती जाएगी।