दुनिया में विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए कई तरीके प्रचलित हैं। इनमें होमियोपैथी भी एक पद्धति है। आज से लगभग 200 वर्ष पहले ईजाद की गई होमियोपैथी पद्धति वर्तमान समय में चिकित्सा जगत में बहुत लोकप्रिय है। चिकित्सा के क्षेत्र में होमियोपैथी का एक अलग ही स्थान है। ट्रीटमेंट के अन्य तरीकों के विपरीत होमियोपैथी पद्धति शरीर की नेचुरल हीलिंग प्रोसेस को मजबूत बनाते हुए बीमारियों का इलाज करती है। खास बात यह है कि इसकी दवाओं का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है। गौरतलब है कि एक जर्मन वैज्ञानिक सैमुअल हैनिमैन ने वर्ष 1806 में चिकित्सा की एक पद्धति के रूप में होमियोपैथी का विकास किया था और तभी से इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है। वैसे तो इसमें सभी तरह की बीमारियों, जैसे-दाँतों के दर्द से लेकर अस्थमा और कैंसर तक का इलाज संभव है लेकिन पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं के इलाज में होमियोपैथी का कोई सानी नहीं है। होमियोपैथी में हमारे मेंटल, इमोशनल और फिजिकल सभी पहलुओं को एक साथ ध्यान में रखते हुए बीमारियों का इलाज किया जाता है। भारतीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार देश की लगभग 10 प्रतिशत जनसंख्या इलाज के लिए होमियोपैथी पर भरोसा करती है। जाहिर है कि एक करियर के रूप में होमियोपैथी में अपार संभावनाएँ मौजूद हैं और यही कारण है कि पिछले कुछ वर्षों से छात्र होमियोपैथी की स्टडी की ओर आकृष्टï हो रहे हैं। होमियोपैथी में नित नई तकनीकों के प्रयोग से करियर के नए आयाम भी सामने आ रहे हैं। यदि आपमें लगन, प्रतिभा तथा सेवा भावना है, तो इसे करियर के रूप में अपनाने से प्रतिष्ठïा, पैसा तथा नाम सब कुछ अर्जित किया जा सकता है। होमियोपैथी में ग्रेजुएशन अथवा पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स करने के बाद छात्रों के लिए संभावनाओं की कोई कमी नहीं है। छात्रों के लिए सबसे लोकप्रिय ऑप्शन प्राइवेट प्रैक्टिस का है, क्योंकि इसमें नाम और पैसा कमाने के सबसे अधिक अवसर मौजूद हैं। शुरुआत में चाहे आपको थोड़ा संघर्ष करना पड़े, लेकिन एक बार नाम हो जाने के बाद इसके जरिए लाखों की मासिक आमदनी होने लगती है। होमियोपैथी में पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद सरकारी एवं निजी संस्थानों में शिक्षण कार्य भी किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त भारत सरकार और राज्य सरकारों के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालयों द्वारा भी होमियोपैथी चिकित्सकों की चिकित्सालयों में नियुक्ति की जाती है। अब तो कमाई के लिहाज से भी होमियोपैथी चिकित्सक, एलोपैथिक चिकित्सकों के समकक्ष पहुँच रहे हैं। इस प्रकार कहा जा सकता है कि होमियोपैथी के क्षेत्र में करियर की बहुत उजली संभावनाएँ हैं।