पृथ्वी के गर्भ में मौजूद खनिज संपदा मनुष्य के जीवन का आधार है। लेकिन इसका अवैज्ञानिक दोहन पर्यावरणीय असंतुलन की स्थितियाँ पैदा कर सकता है। यही कारण है कि मानवीय उपयोग के लिए इस प्राकृतिक संपदा को निकालने का काम प्रशिक्षित लोगों के नेतृत्व में किया जाता है। इस क्षेत्र में प्रशिक्षित होने के लिए विशेष अध्ययन की जरूरत होती है और खनन के क्षेत्र में कॅरियर की शुरुआत यहीं से मानी जानी चाहिए। हमारे देश में भी खनिज संपदा का प्रचुर भंडार है। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, उड़ीसा, झारखंड, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों से अधिक मात्रा में खनिज पदार्थ प्राप्त होते हैं। देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए प्रशिक्षित खनन इंजीनियरों की माँग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। खनन इंजीनियरिंग के क्षेत्र में प्रवेश के लिए छात्र को बारहवीं की परीक्षा भौतिक, रसायन तथा गणित विषय से उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही बीटेक/बीई (माइनिंग), बीएससी (माइनिंग इंजीनियरिंग) में प्रवेश मिलता है। खनन इंजीनियरिंग का कोर्स इन संस्थानों में उपलब्ध है- इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स, धनबाद, झारखंड । बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, सिंदरी, बिहार । इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी। कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग, उदयपुर, राजस्थान । गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज, रायपुर, छत्तीसगढ़।