चिप डिजाइनिंग क्या है ? इस क्षेत्र में कॅरियर के क्या अवसर हैं ? चिप डिजाइनिंग का कोर्स कहाँ से किया जा सकता है ?

कुछ समय पहले तक मशीनें जहाँ बड़ी-बड़ी प्लेट्स, सेमी कंडक्टर और ट्यूब द्वारा काम करती थीं आज वहीं एक छोटी चिप ने इनका रूप ले लिया है। सूचना प्रौद्योगिकी के विकास के चलते चिप का अविष्कार हुआ जिसका सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि यंत्र हल्के हो गए और उनकी कार्य करने की क्षमता पहले से कई गुना बढ़ गई। चिप डिजाइनिंग का क्षेत्र रोजगार की दृष्टिï से व्यापक हो चुका है। सभी कंप्यूटर हार्डवेयर कंपनियों को चिप डिजायनर की जरूरत होती है। बैचलर ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर या फिजिक्स में स्नातकोत्तर डिग्री करने के बाद चिप डिजाइनिंग कोर्स में दाखिला लिया जा सकता है। चिप लेवल डिजाइनिंग के लिए 12वीं कक्षा कम्प्यूटर विषय के साथ न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है । यह कोर्स 12 से 15 महीने का होता है। योग्यता और अनुभव के आधार पर एक चिप लेवल इंजीनियर की आय 50 हजार से पाँच लाख रुपए तक मासिक हो सकती है। आइबीएम, इन्फोसिस, सत्यम, एचसीएल जैसी बड़ी कंपनियों में चिप लेवल इंजीनियरों की भारी माँग है। चिप डिजाइनिंग का पाठ्यक्रम कराने वाले प्रमुख संस्थान हैं- सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कम्प्यूटिंग (सी-डेक), नई दिल्ली, नोएडा, पुणे, बंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम और कोलकाता, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली, सीएडीटीआई, निट कैंपस, कालीकट, केरला, बिट-मैपर इंटेग्रेशन टेक्नोलॉजी प्रा. लि., पुणे ।

पत्रिका

Books for MPPSC Exam Preparation 2025 | विभिन्न परीक्षाओं हेतु उपयोगी 12 अंक मात्र 150 में
Books for MPPSC Exam Preparation 2025 | विभिन्न परीक्षाओं हेतु उपयोगी 12 अंक मात्र 150 में
प्रतियोगिता निर्देशिका अगस्त-2025
प्रतियोगिता निर्देशिका - जुलाई 2025

ब्लॉग

मार्गदर्शन

सामान्य ज्ञान