जेनेटिक इंजीनियर का काम जीवित प्राणियों के जेनेटिक मटीरियल को विभिन्न तकनीकों के माध्यम से डीएनए कोड में परिवर्तित करना होता है। इसके साथ ही पेड़-पौधों, जानवर और इंसानों के जेनेटिक मटीरियल या जींस को संशोधित कर नए और बेहतर गुण विकसित करना होता है। साइंस स्ट्रीम से बारहवीं करने वाले छात्र बायोटेक्नोलॉजी, मॉलीक्यूलर बायोलॉजी, माइक्रो-बायोलॉजी या बायोकेमिस्ट्री के बैचलर कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। स्पेशलाइजेशन हासिल करने के लिए इसके मास्टर डिग्री कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं।